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पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/२७२

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मजान त सागर पूर्ण प्रदेश है । यह भूमध्य-सागरके तट पर है। जिब्राल्टरके ठीक सामने मरको का क़िले-बन्द क्यूटा बन्दरगाह है । ‘मराकश' मरको का असली नाम है ।। टेजियर क्षेत्र केवल २२५ वर्गमील लम्बा-चौडा है और शावादी ६०,०००। इस क्षेत्र का प्रबन्ध १८ दिसम्बर १९२३ के बरतानिया, फ्रास और स्पेन के एक समझौते के अनुसार होता था । १६२८ मे इटली भी इस समझौते में आ मिला । एक अन्तर्राष्ट्रीय कमिटी के हाथ में इसका प्रबन्ध था। यहाँ से सेनायें हटाली गई थीं तथा इसे तटस्थ देश क़रार दे दिया गया था । १६४० के जून में स्पेन ने इस पर क़ब्जा कर लिया । बरतानिया और स्पेन में समझौता होगया कि वह इस पर क़िलेबन्दी नही करेंगे। मरो का अधिकाश भाग मरुस्थल है, किन्तु यहाँ कई प्रकार का कच्चा लोहा पाया जाता है । फ्रास के पतन के बाद से अफरीका में नाल्सियों और फासिस्तो ने लडाई छेड़ रखी है और मरको का भाग्य अभी अनि श्चित है। मरक्कोवासी बर्बर’ जाति के हैं। और अरबी की भॉति की रेल मार्ग भाषा बोलते ५ सामुद्रिक : हैं। अखिल| रियो डी 5 -: आकाश " अरब - वाद | और और अखिलइस्लामवाद का प्रभाव भी उन पर है। मलान, डाक्टर डी० एफू०, एम० ए०, डी० डी०-दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय-दल का नेता । १८७४ मे पैदा हुआ । १६२४ से '३३ तक यूनियनसरकार में स्वराष्ट्र, स्वास्थ्य और शिक्षा-मन्त्री रहा । इसका राष्ट्रीय दल दक्षिण अफ्रीका में ब्रिटेन से असम्बन्धित स्वतत्र राज चाहता है। पार्लमेन्ट मे अटला रेल

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