वल्लभभाई पटेल गोधरा मे मुस्तारी शुरु की |यही त्र्प्रापकी पत्नी प्लेग-पीड़ित हुई त्र्प्रौर बम्बई मे उनका देहान्त होगाया|बैरिस्टर बननेकी त्र्पापकी प्रबल इच्छा थी।मुख्तारी चमक निकली थी,त्र्पापाने कुछ त्र्पौर रुपये का प्रबन्ध किया त्र्पौर विलायत गये। वहाँ त्र्पापने त्र्पथक परिश्रम किया,फलत:त्र्पापकी फिस माफ हो गयी त्र्पौर ५० पौएड की वृत्ति मिली | त्र्प्रापसे प्रभावित होकर न्यायाधीश स्कट ने कहा कि वल्लभभाई एक नामी बैरिस्टर बनेगा| २६२६ मे विलायत से लौट कर त्र्प्रहमदाबाद मे बैरिस्टरी शुरु की |ईसी वर्ष त्र्प्राप प्रथम गुजरात प्रान्तीय सम्मेलन के मन्त्री चुने गये |१६१७-१८ मे गुजरात के खेडा जिले की फसले मारी गई|किसानो ने गुहार की कि लगान मुलतवी कर दिया जाय | उनकी सुनवाई नही हुई|त्र्प्रापने त्र्प्रापनी प्रेकिटस स्थगित कर दी ,खेडा मे कर -बन्दी सत्याग्रह का सगठन किया त्र्प्रौर किसानो की विजय हुई |इससे पूर्व गुजरात की देहात मे प्रचलित वेगार की प्रथा के विरुद्ध भी त्र्प्रापने किसानो की सहायता की |१६१६ के रौलट कनून सत्यागह मे त्र्प्रापने बहुत काम किया|२६२६मे,त्र्प्रासहयोग के बाद,नागपुर भएडा-सत्याग्रह मे,सेठ जमुनालाल बजाज त्र्प्रादि के जेल भेज दिये जाने पर,आपने नेत्तृत्तव सॅभाला अौर झन्डा-सत्याग्रह में सफलता प्राप्त की | सत्त्र्प्हयोग का व्यापक प्रयोग बारदोली मे होने वाला था,वल्लभभाई ने ही उस छेत्र को तब एतदर्थ तय्यार किया | गुजरात की बोरसद तहसील मे ,डाकुत्र्प्रो के उत्पात के कारए,देहातो पर भारी ताजीरी पुलीस टैक्स लगाया गया | पुलीस की कारस्तानियो के कारए देहातियो की यह त्र्प्रात्ति त्र्प्रोर भी बढी |सरदार ने पुलीस की पोल खोली,जनता को सत्याग्रह के लिये सगतठित किया,फलतः ताजीरी टैक्स उठा लिया गया|१६२२ मे त्र्प्रापने राष्टीय शिछा -संस्थ,गुजरात विधपीठ,की स्थापना की त्र्प्रौर उसके सचालन के लिये २० लाख की निधि डकट्टी की|१६२५ की बाढ़ से गुजरात में हाहाकार मचा गया | बाढ़-पीडितों की सहायताथ त्र्प्रापने जो कुछ किया,सरकार के त्र्प्रर्थ-सचिव तक ने उसकी सराहना की|त्र्प्रापकी सबमे महान कृति २६२८ का बारदोली सत्याग्रह है जिसमे ,त्र्प्रनेक विकट परीछात्र्प्रो के बाद,त्र्प्रन्त मे किसानो की विजय हुई|इसी विजय के
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