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॥१४॥ राजा ने मन में कन्यो कि यह कोऊ बडो सिद्ध पुरुष हे या की स्तुति हों कहां लों करें। कन्यो है। दयावंत दानी तपसी सत्यबादी श्री सूर जो आपनी बाई न करे तो वाहि सिद्ध पुरुष जानिये। श्रागै राजा में प्रात भये पंडितन की सभा में बेठि रात्रि को सब बृत्तांत कल्यो अरु संतुष्ट लोय बोखर को करनाटक देस को राज दयो ।