पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/३२३

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अफगानिस्तान प्रानकोश ( अ ) द० ० अफगानिस्तान बीन नमक बादशाह जिशेशय मुठभेड़ की थी । मंगोल बकमणके लगभग १०० बर्ष बाद तक अफगानिस्तान-, तौगोके हम" रहा । मनल शासनकाल, इतिहास ठीकठीक नहीं मिलता, किन्तु यर इसका प्रभाव असत्य ही यहा : जाव भी असे स्थान नाम यश भाचाकेयद गोल सत्-तिने-हीं विदिसबोसे है । औदहथों शतान्दीके मधय-कुर्ट जातिका प्रमुख प-धि अफगानिस्तान देख पकता है: इसके शासकों गोरा हैगा तथ:' बहि अभी स्थान से । इसके पर रन सव प्रवेशीको हैम औल लिया था और १४०१ हो, तक ये उलीके वय के हममें रहा : इसके पकाए बल गरी पर को और १५२२ ईश में उसने अण्डर्णसे कब बलिया । तद-यह मुगल": सेल हैकर हो भाग रहा । कलर कभी तो मुगलों बोक्षशमैं प्यार श' कभी जिके सूफीस्काके आधीन बता था । १७३७न्द्र८ (० मैं नादिर अने कचनार और काबुल जीत लियाकत । इसने अफ-के ल१थ बम अकाल सबल किया बोर-बलको अपनी 'र्मजिकूभर्तत् कर जिया । सहि वंशज अ-यमक एक नई इसकी परि-शत : माहिर-के ब१बके उपरांत अफगान कोस' इसीको अपना रई उना । जाहिरवशोरवका उत्तरी मता इसके हाथ आता । इसने दुरोंनीकी उपाधी सकी जिसका अध 'अपहिसमयकर रत्न' होता है । अपनि- चतामका इसे पब राज. कह सकते हैं । इसने र६ वर्धय बजा बरना तथ, सावशडनीसे राज्य किया । इसने अपने राज्यका बह विस्तार किया है उसने पानीष्कके बैल मलय १जी१ ई० मैं बकी वीरन खाद्य हराया, बिनु इससे इसका विशेष लाम नहींहुआ। १७प्र३ प्रे७में बहुत (देनी-क रो-या यर पते रह मइसने शरीर न्यागकिपा; इसकी धत्ते यआदइखके पुन कखहाशसे कति अपनी राजधानी बदल जाती [ इसने बीस वर्ष राज्य कियाओर१की उपर. बियोहिबर्शको बजाये रस: असके यर पुछ थे: इनम पान ज-ममसज अब्दाली वंशके पिया-न सहायतासे राज्यका मालिक बन झा । बम दिनों तक माई भाल, ओर फर होता रहा : इसके पभासूग्रजाउयक उधर महब पाही परति: मअकी सफलता-. पुष्य कारण । म र चब की अब भी अब चब जानी कि-कन-बचके चलब-बसइ-मकिहआ. (मजिन-न तो बर-रमल-कि-चब उब च--- । फतेह-व है अपनी योग्यताके कारण इसका लेबर लभ गया औरअपने अन्य मारने अन अच्छे प्यार दूर दूर नियत करा दिया । महब का पुआ कामरान अपर प्राकृतिक' था । बसंती कारण :77: अपने तो खाय बने अन्य: चार किये अ अमल उसे मस्था जाला : अपने भाई कयने बदल, उकानेशेडिये सब भाइयों ने उसपर हमला करब । किसने भीति काम- रामन यर तक ( १द्वा४२ ई० ) हैव, बचा रहा, किन्तु उसकी यहुबोते ही उसके मची यम: मु-ने अपर मत कर लिया । यम अदा बी-तुर तथा पर्ण था; बाकी देशउन सब भाइ-ने जापखमैं गोलिया । इ-ब चतुर जूद्धिमष्ट बर तोमर दोस्त मुहम्मद अरी था । उसके भान कब आया है १७२ये हैं-मैं शैशिशेरले विजय बाद यर तथा बिलख-, दक्षिणी-'

भाग सिचबोके हाथ लगा । अफगानियों प्रमुख

प-ते पहले ही उठ उका था: लिन्भी १८०८ ई० से ही स्वतन्त्रता शोषित कर: पंत थी है १८१९ ई० से काश्मीर मदब होगया था [ वस बय तो तिशश८की धत्ते उपरतिखे ही स्वाधीन होरहा था 1 १द्र०२ ई० मैं मैंयोखियन ईरान पर कर रहा था है इसने कारण असेल अमर चरों यय-टन शाह शजाके पास राजदूत बनाकर भेजी गये क्योंकि इस समय उन औरों पर उसे प्रमुख था: इष्ट अंब राई का पेशाब" अच्छा स्वागत बम 1 अफगानियों ले अंझाका समय अनेका यह पहला ही अवसर था । १८ये२ ईख है बसे ।टते । समय (हि-एट अमर वजीर सब भी आर उकेरी । अत:जब १८३७ई, मैं ईरान बान हैरान पर सेर, बाला और भी अपनी कारवाई अलग" कर रहाथा तो अंत्यको बजा चिंता होने लगी और अनर्थ यश जत, रखने बलको अय अफगानिस्तान परब-म राजम बनाकर रहन लिये भेजा है रोका बसने जो शरी पेश को यह अपलक' स्वीकार नहीं थी 1 इधर शाह शजा बहुत दिन अंग्रेजी हैच पडा अ, । अब अनेन उसे ही गश पर बैठाने कानि' किया । यहींसे प्रथम अमल अक' प्रारम्भ हुआ : [त-परे पब नरेश रअंरिय९ने अपने हैले अंग्रेजी पं:जिपार होने देनेझे अ-नीकी । किन्तु १द्र३८ ई० के मार्च माहीम २३०य० कोल वध