पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१२१

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50. 121 के सम्बन्ध में पीडिता से पूछा ही नहीं गया तो वह कैसे बताती । पीडिता के सभी बयानों का सार निकाला जाये तो चारो अभियुक्तगण के नाम आये हैं और बलात्कार होना बताया है। यदि दिनांक 14.09.2020 को थाना चन्दपा पर ही पीडिता की काउंसिलिंग हो जाती तो हो सकता है कि वह थाने पर ही बलात्कार की बात बता देती । पीडिता का दिनांक 21.09.2020 का एक विडियों वायरल हुआ था लेकिन उस विडियों बनाने वाले का पता नहीं चला सका इसलिए उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, जिस कारण अभियोजन द्वारा वह विडियों न्यायालय में दाखिल नहीं किया गया है। पीडिता के सभी विडियोज अभिलेख (document ) की परिधि में आते हैं और सभी पक्षकारों द्वारा समस्त विडियोंज पर भरोसा व्यक्त किया गया है। पीडिता के परिवार एवं अभियुक्तगण के परिवार के मध्य रंजिश होना साबित है। विवेचना के दौरान पीडिता का स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट कब्जे में लिया गया, जिसमें पीडिता की जन्म तिथि व जाति का उल्लेख है। साक्षीगण के बयान में आया है कि अभियुक्त सन्दीप व पीडिता की दोस्ती थी और बाद में उनके बीच बोलचाल बन्द हो गयी। अभियुक्तगण दबंग किस्म के व्यक्ति हैं तथा इसी मकसद से अभियुक्तगण द्वारा यह अपराध कारित किया गया है। अभियुक्तगण को अधिकतम दण्ड से दण्डित किया जाये । अभियोजन की ओर से सन्दर्भित विधि व्यवस्था पी. एस. पटेल बनाम् गुजरात राज्य, एस. सी. सी. 1991 पेज - 744 में माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह अवधारित किया है कि मृत्युकालीन बयान का कोई निश्चित प्रारूप नहीं है। अकेले मृत्युकालीन बयान के आधार पर ही दोषसिद्धि हो सकती है। मोती लाल बनाम् मध्य प्रदेश राज्य सी. आर. एल. जे. 2008 पेज-3543 में माननीय न्यायालय ने यह अवधारित किया है कि बलात्कार के अपराध हेतु पीडिता के शरीर पर चोट का होना आवश्यक नहीं है। मनोज गिरी बनाम् छत्तीसगढ राज्य, एस. सी. सी. 2013 (5) पेज - 798 में माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह अवधारित किया है कि जब पीडिता को अभियुक्तगण द्वारा पूरी तरह पराभूत (over power) कर लिया जाये तो कोई चोट आना सम्भावित नहीं होता। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियोजन पक्ष इस प्रकरण में घटना का निश्चित समय ही स्थापित नहीं कर सका है। इस प्रकरण में वादी मुकदमा सतेन्द्र की ओर से प्रथम तहरीर थाना चन्दपा पर दिनांक 14.09.2020 को दी गयी है, जो थाना चन्दपा पर दिनांक 14.09.2020 को समय 10:30 बजे सुबह अपराध संख्या 136 / 2020, अन्तर्गत धारा 307 मा०दं०सं० व धारा 3 ( 2 ) (v) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार