पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१२२

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122 निवारण) अधिनियम में दर्ज हुई है, जिसमें घटना का समय सुबह 09:30 बजे दर्शाया गया है तथा दूसरी तहरीर दिनांक 22.09.2020 को वादी मुकदमा सतेन्द्र कुमार द्वारा पुलिस अधीक्षक हाथरस के कार्यालय में दी गयी है, उसमें भी घटना का समय सुबह 09:30 बजे होना अंकित किया है परन्तु इसके विपरीत साक्षी ने न्यायालय में दिये अपने बयानों में घटना के बाद घटनास्थल पर समय करीब 08:45 बजे सुबह पहुंचने का कथन किया है। थाना चन्दपा में लगे सी०सी०टी०वी० के अनुसार वादी मुकदमा सतेन्द्र अपनी माँ व पीडिता के साथ दिनांक 14.09.2020 को समय सुबह 09:34:08 पर थाने में प्रवेश किया है तथा समय सुबह 09:57:30 पर यह सभी थाने से रवाना हुये हैं क्योंकि वादी मुकदमा थाना चन्दपा में सुबह 09:34:08 पर प्रवेश किया है तो घटना सुबह 09:30 बजे की हो ही नहीं सकती क्योंकि पीडिता की माँ का कथन है कि घटना के बाद घटनास्थल पर उसे पीडिता को कपडे पहनाने में करीब पौना घण्टा लगा था और घटनास्थल से थाना चन्दपा आने में भी उन्हें कम से कम 10-15 मिनट अवश्य लगे होंगे। इस प्रकार यह घटना लगभग 08:30-08:45 बजे के आस-पास की होगी। इसके अतिरिक्त वादी मुकदमा सतेन्द्र की पत्नी संध्या द्वारा अपने धारा 161 दं०प्र०सं० के बयान में यह बताया गया है कि गाँव बूलगढी में बिजली आने का निश्चित समय है और सुबह के समय बिजली 09:00 बजे आती है। जब छोटू सतेन्द्र की मॉ के कहने पर सतेन्द्र को बुलाने उसके घर गया था तब उस समय बिजली नहीं आ रही थी और सतेन्द्र की पत्नी हाथ से पंखा झल रही थी। इसका अर्थ है कि छोटू सतेन्द्र को बुलाने सुबह 09:00 बजे से पहले ही आया होगा। इस आकलन से भी घटना 09:30 बजे की नहीं हो सकती। अन्य साक्षीगण के बयान में भी घटना के समय के सम्बन्ध में भिन्नता है । अभियोजन पक्ष इस प्रकरण में घटना का कोई निश्चित स्थान भी सिद्ध नहीं कर सका है। विवेचनाधिकारी द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण वादी मुकदमा सतेन्द्र कुमार की निशानदेही के आधार पर किया गया है, जबकि वादी मुकदमा सतेन्द्र घटनास्थल का साक्षी नहीं है। वह घटना के बाद में अपनी माँ के बुलावे पर घटनास्थल पर पहुंचा है, उससे पूर्व उसकी माँ रामा देवी पीडिता को घटनास्थल से खींचकर बरहा में ले आयी थी। जब वादी मुकदमा ने घटनास्थल देखा ही नहीं है तो वह घटनास्थल का निरीक्षण विवेचनाधिकारी को कैसे करा सकता है। उत्तर प्रदेश पुलिस के विवेचनाधिकारी द्वारा बनाया गया नक्शा नजरी तथा सी०बी०आई० द्वारा पी.डब्लू.डी. के जूनियर इंजिनियर