पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१४८

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148 के परीक्षण के दौरान मेरे सामने तैयार हुआ था, जिस पर प्रदर्श क–32 डाला गया। हमने परीक्षण के दौरान पाया था कि वह होश में थी और समय और व्यक्तियों को पहचान रही थी और उसके लोकल एग्जामिनेशन ऑफ जनटेलिया में यह पाया गया कि कोई रेडनेस, स्वेलिंग, टेन्डरनेस, एबरेजन, कन्टयूजन, लेसेरेशंस नहीं थी । नो टियर वर सीन ऑन लेबिया मैजोरा, लेबिया माईनोरा, यूरेथ्रा हाईमन, वेजाईना सर्विक्स फोरसिट एण्ड पैरीनियम । परीक्षण के दौरान, उसके जननांगों से नियमानुसार स्वैब इकट्ठा करके विधि विज्ञान प्रयोगशाला में मौजूद डा० फैज अहमद व डा० कासिफ अली को दे दिया गया था। इस साक्षी ने अपनी प्रतिपरीक्षा में यह कथन किया है कि मेरे सामने पीडिता ने अपनी आयु 18 वर्ष बतायी थी और पीडिता ने उसके साथ दुष्कर्म करने वाले चार लोगों की आयु लगभग 19-20 वर्ष बतायी थी । किसी भी दुष्कर्म करने वाले की आयु 28-35 वर्ष नहीं बतायी थी। पीडिता ने अपने साथ चार लोगों द्वारा वेजाईनल इण्टरकोर्स की बात मेरे समक्ष बतायी थी तथा चार व्यक्तियों द्वारा पूर्ण वेजाईनल इण्टरकोर्स पेनिस के द्वारा बताया गया एवं हमलावरों की उम्र लगभग 19-20 साल बतायी थी। इसके बावजूद भी पीडिता के जननांगों पर कोई भी रेडनेस, स्वैलिंग, टेंडरनेस, कन्टयूजन, लेसेरेशन्स नहीं पाये गये थे। पीडिता के जननांगों के भागों पर कोई भी टियर ऑन लेबिया मैजोरा, लेबिया माईनोरा, यूरेथ्रा, हाईमन वेजाईना, सर्विक्स, फोरसिट एवं पैरीनियम या कोई फेश इंजरी नहीं पायी गयी। मैं नहीं कह सकती कि कोई ओल्ड इंजरी थी या नहीं। पीडिता के जननांग नार्मल थे और कोई भी एबनार्मिलिटी नहीं थी। लगभग 12:30 बजे हमने सेक्सुअल असाल्ट एग्जामिनेशन स्टार्ट कर दिया था तथा 01:30 बजे पूर्ण हो गया था। इस सम्बन्ध में अभियोजन की ओर से परीक्षित साक्षी पी0डब्लू0 – 13 नौसाबा हैदर नर्सिग आफिसर HDU-4 जे०एन०एम०सी० मेडिकल कालेज का कथन है कि दिनांक 22.09.2020 को लगभग 10:00 बजे पीडिता एवं पीडिता की माँ ने मुझे पहली बार सेक्सुअल असाल्ट के बारे में बताया था। उस समय पीडिता की माँ अधिक बोल रही थी, लडकी कम बोल रही थी। मैंने, पीडिता व उसकी मॉ से यह भी पूछा था कि यह बात (सेक्सुअल असाल्ट ) आपने पहले क्यों नहीं बतायी तो इस पर वह दोनों चुप हो गयी थीं। मैंने, सी०बी०आई० विवेचक को अपने बयान में यह बताया था कि दिनांक 21.09.2020 व 22.09.2020 को पीडिता की दशा समान थी। दोनों ही दिनांक को पीडिता की हालत में कोई बदलाव नहीं था। अभियोजन की ओर से परीक्षित पी0डब्लू0 – 14 डा० एम०एफ० हुदा प्रोफेसर व चेयरमैन न्यूरोसर्जरी विभाग