पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१४९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

149

149 जे०एन०एम०सी० अलीगढ़ ने अपने सशपथ बयान में यह कथन किया है कि इस प्रकरण से सम्बन्धित पीडिता हमारे अस्पताल में ओ०पी०डी० कैजुअल्टी में दिनांक 14.09.2020 को 04:10 पी. एम. पर आयी थी, उसका कैजुअल्टी नं० सी - 46578 था। उसे न्यूरोसर्जरी यूनिट में मेरे व अन्य सहयोगी डाक्टरों द्वारा उपचार दिया गया, जिनमें डा० रमन मोहन शर्मा, डा० ताबिश डा० जफर कमाल अंजुम एवं डा० सूरज थे। उसे इमरजेन्सी सर्जिकल टीम में डा० सिरीन व डा० दिव्यांशु द्वारा उपचार दिया गया। उस दौरान मरीज व उसके परिवारजन द्वारा गला घोंटने के द्वारा चोट आने का कथन किया गया है। मरीज के परिजनों ने मरीज के बारे में बताया था कि उसे बेहोशी हुई थी, गले में दर्द हुआ था । उसके लोवर लिम्ब में सुन्नपन था। उस समय न तो मरीज ने न उसके साथ आये परिजनों ने उसके साथ यौन उत्पीडन की बात बतायी थी । दिनांक 21.09.2020 को मरीज की स्थिति को देखते हुये, उसे हाई डिपेन्डेंसी यूनिट-4 में शिफ्ट कर दिया गया, उस दौरान मरीज की हालत क्रिटिकल थी, वह होश में थी । दिनांक 22.09.2020 को पहली बार पीडिता ने ड्यूटी पर मौजूद स्टॉफ को उसके साथ दिनांक 14.09.2020 को हुई घटना में दुष्कर्म होने के बारे में बताया । इस क्रम में पीडिता का विस्तृत Sexual assault forensic examination के लिये टीम गठित कर दी गयी, जिसमें डा० भूमिका, डा० डालिया रफात, डा० फैज अहमद आदी डाक्टरों को नियुक्त किया गया, जिन्होंने पीडिता की विस्तृत जाँच कर रिपोर्ट सी०एम०ओ० को भेजी। दिनांक 22.09.2020 को पीडिता की गम्भीर हालत एवं यौन उत्पीडन की स्थिति को देखते हुये, मजिस्ट्रेट द्वारा मृत्युपूर्व बयान दर्ज कराने हेतु कार्यवाही की गयी। दिनांक 28.09.2020 को मरीज के परिवारजनों के अनुरोध पर उसे बेहतर इलाज हेतु एम्स दिल्ली के लिये रेफर किया गया। दिनांक 20.09.2020 से दिनांक 22.09.2020 के बीच मरीज की स्थिति एक जैसी थी तथा गम्भीर थी। इस साक्षी ने अपनी प्रतिपरीक्षा में यह कथन किया है कि पीडिता को दिनांक 14.09.2020 को ही पेशाब के लिये नली लगायी गयी थी। पीडिता को पेशाब के लिये नली उसके यूरेथ्रा (पेशाब का रास्ता) लगायी गयी थी। यह सही है कि यूरेथ्रा के माध्यम से जब पेशाब की नली लगायी गयी होगी तो उसके जननांग को निश्चित रूप से देखा गया होगा क्योंकि उसके बगैर नली लगाना सम्भव नहीं है। उस समय उसके जननांगों में कोई चोट या सेक्सुअल असाल्ट का कोई लक्षण अंकित नहीं किया गया अगर कोई इस तरह का सेक्सुअल असाल्ट का कोई लक्षण देखा गया होता तो निश्चित ही अंकित किया जाता । पीडिता के