पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१५३

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153 गये Ligature mark blunt object से सम्भव नहीं है। यह सही है कि अगर दुपट्टे से स्ट्रैगुलेशन किया जायेगा तो लिगेचर मार्क गर्दन के चारो ओर आयेगा और उसमें कोई गैप नहीं होगा। अगर पूर्ण रूप से स्ट्रैंगुलेशन किया जाये तो निशान around the neck आयेगा इस प्रकरण में स्ट्रैंगुलेशन पीडिता की मृत्यु का कारण नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रदर्श क – 33 में मृत्यु का कारण स्पष्ट एवं अन्तिम नहीं दिया गया है तथा बिसरा रिपोर्ट के आने तक के लिये स्थगित रखा गया है। यह सही है कि मृतका के पीठ पर Hypostasis मृत्यु पूर्व नहीं होंगे अपितु मृत्यु पश्चात ही आये होंगे । इस प्रकार पीडिता की चिकित्सा के सम्बन्ध में पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखीय व मौखिक साक्ष्य से यह परिलक्षित होता है कि पीडिता के चिकित्सीय परीक्षण एवं यौन हमले से सम्बन्धित चिकित्सीय परीक्षण में पीडिता के साथ बलात्कार होने से सम्बन्धित कोई चोट अथवा चिन्ह पीडिता के जननांगों पर नहीं पाया गया है और किसी भी डाक्टर अथवा नर्स ने अपने बयान में बलात्कार से सम्बन्धित कोई साक्ष्य पाये जाने का कथन भी नहीं किया है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी विदित है कि पीडिता का मृत्युपूर्व बयान दर्ज करने वाले नायब तहसीलदार, तहसील कोल, जिला अलीगढ़, जो अभियोजन पक्ष की ओर से पी0डब्लू0 – 6 के रूप में परीक्षित हुये हैं, ने अपने सशपथ बयान में यह कथन किया है कि तत्कालीन एस. डी. एम. के आदेश पर दिनांक 22.09.2020 को शाम को 05:00 बजे करीब मैं अस्पताल पहुंचा था। वहाँ सी.एम.ओ. अजीम मलिक से मुलाकात की तथा उन्हें अपना परिचय दिया तब उन्होंने एक गोपनीय मेमो मृत्युपूर्व बयान दर्ज करने के सम्बन्ध में दिया और मैं, सी. एम. ओ. साहब के साथ पीडिता के वार्ड में पहुंचा। वहाँ 04-5 बेड थे और पीडिता एवं अन्य मरीजों के परिवारजन मौजूद थे, जिन्हें डाक्टर साहब ने बाहर कर दिया था। इसके बाद मैंने, पीडिता से बातचीत की व अपना परिचय दिया। उसको बताया कि मैं एक मजिस्ट्रेट हॅू और आपका बयान दर्ज करने आया हूँ। आपका बयान गोपनीय रखा जायेगा, आप निश्चिन्त होकर अपनी बात बता सकती हो । मेरे द्वारा दिनांक 22.09.2020 को समय 05:40 पी.एम. पर पीडिता का मृत्युपूर्व बयान दर्ज किया गया । डा० अजीम मलिक सी. एम. ओ. द्वारा गवाह के होश में होने एवं बयान के दौरान होश में रहने के सम्बन्ध में प्रमाण पत्र अपने मोहर व हस्ताक्षर के साथ उसी दिन लगाये गये थे, जिनकी मैं शिनाख्त करता हूँ। उन्होंने मेरे समक्ष ही हस्ताक्षर किये थे व प्रमाण पत्र लिखा था ।