पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१५४

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154 बयान हिन्दी में है, मेरे द्वारा अपने हस्तलेख में लिखा गया था, जिसकी मैं शिनाख्त करता हूँ। लिखने के बाद पीडिता के अंगूठे का निशान लगवाया गया था। पीडिता द्वारा उस दिन दिया गया बयान मैंने हू-बहू शब्द ब शब्द दर्ज किया था तथा पीडिता को भी पढकर सुनाया था, उसने सुनकर बयान की तस्दीक की थी। बयान पर प्रदर्श क – 15 डाला गया। इस साक्षी ने अपनी प्रतिपरीक्षा में यह कथन किया है कि यह सही है कि मुझे तत्कालीन एस.डी.एम. कोल द्वारा मौखिक निर्देश फोन द्वारा डी.डी. लिखे जाने हेतु दिया गया था। यह सही है कि मृत्युपूर्व बयान लिखने के लिये मैंने मेमो जे०एन०एम०सी० मेडिकल कालेज जाकर स्वयं प्राप्त किया था। मैंने, पीडिता को शपथ दिलाकर बयान लिया था। मृतका ने अपने मृत्युपूर्व बयान में सभी अभियुक्तों की वल्दीयत, उम्र व जाति भी बतायी थी। मुझे, मृतका ने रवि की वल्दीयत अत्तन बतायी थी । कोष्ठक लगाने को कहा था या नहीं कहा था, ध्यान नहीं है। मृत्युपूर्व बयान में लडके और आदमी के बीच में जो (/) चिन्ह अंकित है, वह भी मृतका ने अपने बयान में नहीं बताया था। मैंने स्वयं लगा लिया था। मुझे यह ध्यान नहीं है कि शब्द रामवीर सिंह के आगे जो कोष्ठक में थाने में चौकीदार अंकित किया गया है, वह कोष्ठक मृतका ने अपने बयान में बताया या नहीं। मृतका के इस बयान में उसके साथ किसी भी अभियुक्त द्वारा बलात्कार किये जाने का कोई उल्लेख नहीं है। यह भी सही है कि मृतका का मृत्युपूर्व बयान लिखे जाने के पश्चात् डाक्टर द्वारा दिये गये प्रमाण पत्र के उपरान्त भी उसका अंगूठा निशानी नहीं लिया गया। यह सही है कि मृत्युपूर्व बयान प्रदर्श क-15 में मृतका के बयान की अन्तिम दो लाईनें कागज के आधे भाग में लिखी हुई हैं, पूरे पेज पर नहीं हैं। अन्तिम दो लाईनों के आगे आधे पृष्ठ में मृतका का अंगूठा लगा है इसलिए मैंने अन्तिम लाईन से पूर्व लाईन आधा पेज के पश्चात् पेज के शुरू से प्रारम्भ की। यह सही है कि उपरोक्त मृत्युपूर्व बयान प्रदर्श क – 15 को लिखने के पश्चात् मौके पर ही सील नहीं किया था। यह भी सही है कि यह बयान प्रदर्श क–15 मैंने अस्पताल से बिना सील किये हुये अपने आफिस ले जाकर अपने आफिस में सील किया था। यह भी सही है कि मृत्युपूर्व बयान मैंने लिखने तथा अपने कार्यालय जाकर सील करने के उपरान्त उसी दिन न्यायालय को सम्प्रेषित नहीं किया। प्रदर्शक – 15 मैंने, मृतका का मृत्युपूर्व बयान अंकित किये जाते समय ही तैयार नहीं किया था बल्कि बाद में सी. एम. ओ. साहब के आफिस में तैयार किया था। जिस समय प्रदर्श क-15 तैयार किया गया था, उस समय वहाँ मृतका नहीं थी। इस सम्बन्ध में पी0डब्लू0 - 21 डा० अजीमुद्दीन ने अपने सशपथ