पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१६३

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163 बलात्कार की बात नहीं बतायी । माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विधि निर्णय कामेश्वर सिंह बनाम् बिहार राज्य व अन्य, 2018 ( 2 ) सी. सी. एस. सी. 896 (एस.सी.) में यह अवधारित किया गया है कि "एक चीज में मिथ्या तो प्रत्येक चीज में मिथ्या” का सिद्धान्त भारत में लागू नहीं होता। शायद ही कोई ऐसा साक्षी हो, जिसकी साक्ष्य में असत्यता का अंश न हो अथवा अतिश्योक्ति, अलंकार अथवा सुधार न हो । न्यायालय का यह कर्तव्य है कि वह किसी साक्षी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य की सावधानीपूर्वक समीक्षा करे तथा भूसे से गेंहूँ को अलग करने की तरह कार्य करे। विधि निर्णय सुच्चा सिंह व अन्य बनाम् पंजाब राज्य, 2003 (7) एस. सी. सी. 643 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह अवधारित किया गया है कि जहाँ सारतत्व को व्यर्थ से अलग किया जा सकता है वहाँ न्यायालय किसी अभियुक्त को इस तथ्य के होते हुये भी दोषसिद्ध करने के लिये स्वतन्त्र होगा कि उसी साक्ष्य को अन्य अभियुक्त व्यक्तियों को दोषी साबित करने के लिये अपर्याप्त माना गया है। "एक चीज में मिथ्या तो प्रत्येक चीज में मिथ्या' का सिद्धान्त भारत में लागू नहीं होता। इसलिए पीडिता की मॉ पी0डब्लू0 - 17 रामा देवी का यह साक्ष्य कि दिनांक 14.09.2020 को उसने, पीडिता को बेहोशी की हालत में देखा और उसके गले में दुपट्टा बंधा था और पूछने पर उसने, गुड्डू के पुत्र सन्दीप का नाम बताया था। यह साक्ष्य विश्वसनीय क्योंकि पीडिता के चिकित्सीय प्रपत्रों तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसके गले में लिगेचर मार्क पाया गया है व अन्य साक्षीगण पत्रकार पी0डब्लू0–2 गोविन्द कुमार शर्मा, पी0डब्लू0-30 विनय शर्मा व पी0डब्लू0 – 3 रवि कुमार, पी0डब्लू0 – 5 महिला आरक्षी कु० रश्मि के बयान में भी मात्र अभियुक्त सन्दीप के द्वारा घटना कारित करना बताया गया है। पीडिता ने इन सभी को दिये गये बयान में यह बताया है कि सन्दीप ने उसके गले में दुपट्टा डालकर खींचा था। पीडिता के इस बयान की पुष्टि पीडिता के चिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट से भी होती है तथा पीडिता का चिकित्सीय उपचार करने वाले डाक्टर पी0डब्लू0 – 18 डा० नैन्सी गुप्ता, पी0डब्लू0 – 16 डा० डालिया रफात व पी0डब्लू0 - 15 डा० फैयाज अहमद तथा पीडिता का पोस्टमार्टम करने वाले पी0डब्लू0 - 22 डा० गौरव वी. जैन के बयानों से भी होती है। यह भी उल्लेखनीय है कि पीडिता ने अपने प्रत्येक बयान में अभियुक्त सन्दीप द्वारा घटना कारित किये जाने का कथन किया है । उपरोक्त साक्ष्य के आधार पर यह बिना किसी सन्देह के पूर्णतः साबित हो जाता है कि दिनांक 14.09.2020 को अभियुक्त सन्दीप ने पीडिता के गले में पड़े