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164 दुपट्टे से उसे खींचा था, जिससे वह घटनास्थल पर बेहोश हो गयी थी तथा इलाज के दौरान दिनांक 29.09.2020 को पीडिता की मृत्यु हो गयी। पीडिता की गर्दन के सामने की ओर लिगेचर मार्क पाये गये, गर्दन के पीछे की ओर लिगेचर मार्क नहीं पाये गये। इस सम्बन्ध में पी0डब्लू0 - 20 डा० गौरव सिंह अभय का कथन है कि यह इंजरी Single impact से तथा Forceful jerk से आना सम्भव है। पी0डब्लू0–22 डा0 गौरव वी. जैन का कथन है कि यह सही है कि मृतका की गर्दन के पीछे की ओर कोई भी Strangulation का चिन्ह मौजूद नहीं था । हमने परीक्षण के दौरान पाया कि सी-6 की इंजरी सिंगल झटके के Impact से आयी होगी। यह सही है कि अगर दुपट्टे से Strangulation किया जायेगा तो लिगेचर मार्क गर्दन के चारो ओर आयेगा और उसमें कोई Gap नहीं होगा। अगर पूर्ण रूप से Strangulation किया जाये तो निशान All around the neck आयेगा । पी0डब्लू0 – 33 प्रो0 आदर्श कुमार चेयरमैन एम०आई०एम०बी० का भी कथन है कि एम0आई०एम०बी० की टीम ने मृतका की मृत्यु के सम्बन्ध में यह निश्चित मत दिया है कि सामान्यत: Strangulation के दौरान पीडिता की मृत्यु कुछ ही मिनटों में हो जाती है लेकिन इस केस में पीडिता की मृत्यु, जो उसकी गर्दन में जबरदस्त झटका लगने से उसकी Cervical में फैक्चर तत्पश्चात् होने वाली विविधताओं से हुई है, जो कि काफी विलम्ब से हुई है। यह सही है कि एम0आई0एम0बी0 की टीम ने यह निश्चित मत व्यक्त किया है कि सी - 6 की इंजरी sudden jerk से आना सम्भव है तथा वह डायरेक्ट चोट से आना सम्भव नहीं है। यह भी सही है कि पीडिता के शरीर पर आयी चोटों को मात्र एक व्यक्ति द्वारा ही पहुंचाये जाने की सम्भावना सबसे अधिक है। इस प्रकरण में पीडिता घटना के आठ दिन बाद तक बातचीत करती रही है और बोलती रही है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि अभियुक्त का आशय निश्चित रूप से ही पीडिता की हत्या करने का ही रहा था । इसलिये अभियुक्त सन्दीप का उपरोक्त कृत्य धारा 304 भाग - 1 मा०दं०सं० के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है, न कि धारा 302 भा0दं०सं० के अन्तर्गत | जहाँ तक अन्य अभियुक्तगण के विरूद्ध विरचित आरोप अन्तर्गत धारा 376, 376ए, 376डी व 302 भा०दं०सं० व धारा 3 ( 2 ) (v) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम व अभियुक्त सन्दीप के विरूद्ध धारा 376, 376ए, 376डी भा0दं०सं० के अन्तर्गत विरचित आरोप का प्रश्न है, उसके सम्बन्ध में मेरा विचार है कि साक्ष्य के उपरोक्त विवेचन में पीडिता के साथ बलात्कार होना साबित नहीं हुआ है तथा अभियुक्तगण रवि, रामू व लवकुश