पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१६५

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165 के द्वारा पीडिता के साथ कथित अपराध कारित किया जाना भी नहीं पाया गया है। इसलिये अभियुक्तगण रवि, रामू व लवकुश धारा 376, 376ए, 376डी, 302 मा०दं०सं० व धारा 3( 2 ) (v) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के दण्डनीय अपराध के आरोप से तथा अभियुक्त सन्दीप अन्तर्गत धारा 376, 376ए, 376डी भा0दं०सं० के आरोप से दोषमुक्त किये जाने योग्य है। परन्तु अभियोजन पक्ष द्वारा अभियुक्त सन्दीप सिसौदिया उर्फ चन्दू के विरूद्ध धारा 304 भाग -1 भा०दं० सं० तथा धारा 3 ( 2 ) (v) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम का अपराध सन्देह से परे • साबित किया गया है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 भाग-1 में आजीवन कारावास अथवा 10 वर्ष तक के कारावास के दण्ड का प्रावधान निहित है इसलिए अभियुक्त सन्दीप सिसौदिया उर्फ चन्दू का उक्त अपराध धारा 3 ( 2 ) (v) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत भी दण्डनीय है । अतः सन्दीप सिसौदिया उर्फ चन्दू को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 भाग – 1 सपठित धारा 3 ( 2 ) (v) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति ( अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप में दोषसिद्ध किया जाता है। अभियुक्त सन्दीप सिसौदिया उर्फ चन्दू पूर्व से न्यायिक अभिरक्षा में है। पत्रावली, अभियुक्त सन्दीप सिसौदिया उर्फ चन्दू के दण्ड के बिन्दु पर सुनवाई हेतु लंच उपरान्त पेश हो। दिनांक:- 02.03.2023 ( त्रिलोक पाल सिंह ) (J.O. No.UP-6143) विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति ( अत्याचार निवारण) अधिनियम, हाथरस।