पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/६६

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30. 31. 66 तत्पश्चात सामूहिक बलात्कार का झूठा मुकदमा बनाया हो । साक्षी पी0डब्लू0 - 18 डा० नैन्सी गुप्ता, जे०एन०एम०सी० अलीगढ़ ने अपने सशपथ बयान में कथन किया है कि इस प्रकरण से सम्बन्धित पीडिता को मैंने दिनांक 14.09.2020 को डा० भावना के साथ परीक्षित किया था, वह लगभग 04:00 बजे शाम को कैजुअल्टी में लायी गयी थी । पीडिता को गले घोंटने की शिकायत पर लाया गया था तथा उसके गले पर चोट के निशान थे। एक लिगेचर मार्क 5x2 से०मी० का था, जो गले के बीच से 2 से०मी० बांये की तरफ से शुरू हो रहा था। दूसरा लिगेचर मार्क 10x3 से0मी0 का था, वह गर्दन में बीच से शुरू होकर गर्दन की सीधी ओर जा रहा था, जो कान के निचले हिस्से से 07-8 से०मी० नीचे था । उस समय तुरन्त हस्तक्षेप / उपचार की आवश्यकता नहीं थी । परीक्षण के दौरान हमने पाया था कि जीभ में कोई कटे-फटे का निशान नहीं था । हमारी परीक्षण के दौरान न ही पीडिता और न ही उसके परिवार में से किसी ने उसके साथ यौन उत्पीडन के सम्बन्ध में कोई बात नहीं बतायी थी। पीडिता के लाये जाने पर हमारी टीम द्वारा उसका जो विजुअल / फोटोग्राम लिया गया था, वह मैं लेकर आयी हूँ । आज न्यायालय में मैं दो फोटोग्राफ दाखिल कर रही हूँ । उपरोक्त दोनों फोटोग्राफ पत्रावली पर प्रार्थना पत्र संख्या 268ए व फेहरिस्त सबूत संख्या 269ए से दाखिल किये गये। पी0डब्लू0 - 18 डा० नैन्सी गुप्ता ने अपनी प्रतिपरीक्षा में मुख्य रूप से यह कथन किया है कि यह सही है कि ताकत से गला दबाने से त्वचा के Underneath Tissues echomise हो सकती है। साक्षी पी0डब्लू0 - 19 ओम प्रकाश ने अपने सशपथ बयान में कथन किया है कि आज दिनांक 28.10.2021 को साक्षी श्री ओमप्रकाश पुत्र स्व0 श्री बाबूलाल, निवासी ग्राम बूलगढ़ी, थाना चन्दपा, जिला हाथरस के द्वारा अपनी मुख्य परीक्षा में सशपथ कथन किया गया कि इस प्रकरण के सम्बन्ध में सी0बी0आई0 विवेचक ने मुझसे पूछताछ की थी व मेरा बयान दर्ज किया था। मैं आठवीं कक्षा तक पढ़ा हूं तथा दीक्षित फार्मेसी में सफाईकर्मी के रूप में काम करता था । दिनांक 14.09.2020 को मैं उपरोक्त फार्मेसी में कार्य करता था तथा सुबह 8 - 8:30 बजे के बीच अपने काम के लिये जाता था । दिनांक 14.09.2020 को मेरी पत्नी रामा देवी, मेरा पुत्र सतेन्द्र व पीड़िता मेरी पुत्री रोज की तरह सुबह भैंसों के लिये घास काटने के लिये घर से 07 - 7:30 बजे के आसपास निकले थे। कभी वह मुझसे पहले चले जाते थे, कभी मैं उनसे पहले चला जाता था । दिनांक 14.09.2020 को भी मैं परिवारजनों के घास काटने के लिये जाने के बाद अपने