पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१०४

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(६ सच्चे खिष्टियान की आत्मिक गति । तेरा नाम है रास्त और पाक मैं नापाक हूं और मजवर मैं गुनाह से लदा हूं पर तू फज़ल से मअमर ॥ 8 अपने बेहद्ध रह्म से मेरे सब गुनाह कर माफ अपनी रूह के असर से मेरे दिल को साफ त यात का चशम है ज़िन्दगी का है दरया मेरे अन्दर जारी हो बहता रह बेइन्तिहा ॥ कर १२ बानवेवां गीत । C.M. १ एक चशमः शाफी जारी है मसीह के लहू का जा उस गुसल पाता ज़रूर साफ होवेगा। ३ वह चोर जो हुअा था मसलब में हुआ पाक मैं भी उस में नहाने से पाक हूंगा और बेबाक से उस