पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१२५

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सच्चे खिष्टियान को आत्मिक गति । ११७ १०८ एक सौ आठवां गीत । मेरा नहीं है कोई मददगार या मसीह । हो है हम सभी का मददगार या मसीह ॥ अब ले ख़बर शिताब न कर वार या मसीह । फरयाद मेरी से है हर वार या मसीह ॥ तेरे सिवाय कोई नहीं यार या मसीह । बंदः हूं तेरे दर का गुनहगार या मसीह ॥ ही है आसियों का खरोदार या मसीह । अजबकि हं गुनाहों में गिरिफतार या मसीह ॥ करता है यासियों को तू ही प्यार या मसीह । हम आसियों को तुझ गुफतार या मसीह ॥ तेरी तरफ सभी को है रफतार या मसीह । करता हूं मैं गुनाहों का इकरार या मसीह ॥ हूं मैं गुनाह में अपने शर्मसार या मसीह हरगिज़ न डालियो मुझे दर नार या मसीह ॥ शैतान मुझ से करता है तकरार या मसीह । रूहुलकुदस को दे मुझे तरवार या मसीह ॥ अासी को है तुझी सेतो दरकार या मसीह । तुझ बिन करेगा कौन मुझे पार या मसीह ॥ 1