पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१३५

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प्रार्थना और इबादत । १२५ २ यहोवाह है बरहक खुदा है मालिक दीन और हम भेड़े हैं वह है चौपान परवरदिगार और निगहबान ॥ दुनया का ३ अब जमय हो उस के हुज़र हम उस की हमद से ही मसरूर हां सना और सिताइश हो हमेशः तक खुदावन्द को । ४ कि उस का अदल मुदाम और उस का फज़ल बिलदवाम कौल उस का रहेगा बेशक ज़मानों के ज़माने तक ॥ १२४ एक सौ चौबीसवां गीत। 8, 7, 43. १ हे हमारे स्वर्गी पिता तेरा नाम पवित्र हो तेरा राज भी जलदी आवे स्वर्ग पर तेरी इच्छा को जैसे मानते वैसे हम से पूरी हो ॥