पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१५८

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१५० मृत्यु और स्वर्गलोक । १४५ एक सौ पैंतालीसवां गीत । 8,75. १ पादमी धूल है घास का फूल जलदी वह मुरझाता है आज वह पाता कल बह जाता . २ फूल सा जलद कुम्हलाता क्या अमीर हो बया फ़कीर हो दोनों को मौत आती है नौजवान को नातवान को दोनों वह ले जाती है। ३ बाप आसमानी सब नादानी दफा कर दिल मेरे से त होशयारी और तैयारी आकिवत की मुझे दे। १४६ एक सौ छियालीसवां गीत। 7, 63. १ इनसान को देखा फ़ना वह फूल सा खिलता है चन्दरोज़: खाक का बना में मिलता है फिर खाक