पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१५९

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मृत्यु और स्वर्गलोक । १५१ पर देखा या करामत खुदा दिखावेगा इस ख़ाक को रोज़ए कियामत वह फिर उठावेगा। २ फ़ना मैं बोया जाता उठेगा लाज़वाल. नाकिस हा गोर मैं जाता उठेगा बकमाल बेइज्जत और जिसमानी हम बदन बोते हैं जलाली और रूहानी। वे जिन्दा होते हैं। ३ जा अज़ हैं हकीको मसीह के बदन के सेा ज़िन्दगी तहकीकी मसीह से पाचंगे जो सर हमारा ज़िन्दा तो अंग भी जिन्दा है मसीह ह्यात दिहिन्दा नजात कुनिन्दा है