पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१६०

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१५२ मृत्यु और स्वर्गलोक। १४० एक सौ सैंतालीसवां गीत। १ एक मुलक है खुश ओ पाक वां लोगों की पोशाक नर नर हैनर गाते उस में हर प्रान ईसा मुंजी है सुलतान हम करें हर जमान दिल से सुरूर ॥ उस मुलक को जाने को कौन है तैयार शक्क क्योंकर लाए हो क्यों हो बेज़ार पाक खुशी से मअमर दुख ओ गम हम ईसा के हुजर गाव हर बार ॥ से होकर दूर ३ उस मुलक में रहते जो सा हैं खुशहाल प्यार सब के दिलों को रखता निहाल