पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१६४

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१५६ मृत्यु और स्वर्गलोक। हम खड़े हैं यरदन किनार और एक एक गुज़र जाता जलाल उस पार का बअजे वक्त इस पार तक नजर याता। ३ मुसाफिरत के दुखों से हम भाई हार न जावे विहिशत के सच्चे उम्मेदवार उम्मेद का फल भी पावे हम खड़े हैं यरदन किनार और एक एक गुज़र जाता जलाल उस पार का बअजे वक्त इस पार तक नज़र आता। ४ यहां जो दुख मुसोबत हा तो उस को क्यों न सहे उस पार में अपने बाप के घर हम जलदी जाके रहे हम खड़े हैं यरदन किनार और एक एक गुज़र जाता जलाल उस पार का बअजे वक्त इस पार तक नज़र आता ॥