पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१७१

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मृत्यु और स्वर्गलोक। ६ रसूल शहीद और नबी लोग वां हैं मसीह के गिर्द और उन में मिलने जाते हैं मसीह के सब शागिर्द। कब मुझे मिलेगा याराम और कब तसल्ली हो जब देखंगा यरूंसलर जाए तजल्ली को ॥ १५६ एक सौ छप्पनवां गीत। १ मेरे वतन पुरजलाल में बाकी रहा है आराम ईसा वहां आगे गया करने को तैयार मकाम थके को वां श्राराम है थके को वां आराम है घके को वां पाराम है तुम को है पाराम उस मुकद्दस मुलक मौज़द में खुश फिरदौस के दियार में जां हयात का दरखत् फूलता तुम को है पाराम ॥