पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/४६

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प्रभु यस खोष्ट । 7s. ३६ छत्तीसवां गीत । १ फिर जी उठा है मसीह दिन है खुशी का सरीह जो सलीब पर मुना था जिन्दा है और रहेगा हल्लिलयाह २ कवर का वह तोड़के बन्द मौत पर हुआ फतहमन्द के दाहिने हाथ बैठा है जलाल के साथ हल्लिलयाह ॥ हुआ था मसलब सो मुन ज्जी है महवन चलें हम उस की दरगाह भाने उस को शाहनशाह हल्लिलयाह ॥ अब खुदा ३ जो कि ३० सैंतीसवां गीत। L.M. १ सब करो ईसा की तअरीफ जिस ने उठाया दुःख तकलीफ