पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/९४

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सच्चे खिटिपान की आत्मिक गति । 8 मैं वक्त को ग़नीमत जान हो रहूं चुस्त और आकिबत की फिक्र से न रहूं सुस्त जहन्नम से भागं जो जाए अजाव विहिशत् को मैं चलं जो जाए सवाब है । ५ मैं अच्छे काम करने को रहूं तैयार मसीही मुहब्बत में होऊं कामगार शैतान की आज़माइश दुनया की खरावी और अपनी बद ख़सलत पर पाऊं फतहयाबी ॥ ६ फिर आज मेरा मरना जो होवे जरूर इनसाफ मेरा होगा खुदा के पस भाई ईसाई आज अपना काम करना जो करना है अाज कर कि जलद होगा मरना ॥ ८३ तिरासीवां गीत। १ तुझ पास खुदावन्दा तुझ पास खुदा हरचन्द मुझ को सलीव दे पहुंचा तो भी यह गाऊंगा तुझ पास खुदावन्दा तुझ पास खुदा