पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/९६

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सच्चे ख्रिष्टि की आत्मिक गति । 7,6s. फकत मसीह के हर वक्त बहुत हूं ८४ चौरासीवां गीत । ५ मसीह जुरूर है मुझे मैं बड़ा गुनहगार दिल मेरा है अंधेरा पालदः और बदकार खन से दिल को सफाई है इस सबब से मसीह की दुहाई ३ मसीह जुरुर है मुझे मैं कंगाल मुसाफिर और परदेसी गरीब भी और तंगहाल मसीहा तेरा करम नित रहे मेरे साथ ताकत मेरे पांव का और शामे मेरे हाथ ॥ ३ मसीह जुरूर है मुझे वह मेरे दिल का यार हमदर्द है मेरे दिल का उतारा मेरा बार संभालता है वह मुझे जब दुःख का जिक्र है