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मेरी सहानुभूति का आधार


रूप में मैंने इंग्लैण्ड का विरोध किया है उतने प्रभावकारक रूप में शायद और किसी ने नहीं किया। यही नहीं बल्कि मुक़ाबले की इच्छा और शक्ति भी मुझमें ज्यों-की-त्यों बनी हुई है। लेकिन कोई वक्त बोलने और काम करने का होता है तो कोई व़कत ऐसा भी होता है जब खामोशी और अकर्मण्यता धारण करनी पड़ती है।

सत्याग्रह के कोष में कोई शत्रु नहीं है। लेकिन सत्याग्रहियों के लिए नया कोष तैयार करने की मुझे कोई इच्छा नहीं है, इसलिए मैं पुराने शब्दों का ही नये अर्थ में प्रयोग करता हूँ। सत्याग्रही अपने कहे जानेवाले शत्रु के साथ अपने मित्र जैसा ही प्रेम करता है, क्योंकि उसका कोई शत्रु नहीं होता। सत्याग्रही याने अहिंसा का उपासक होने के नाते, मुझे इंग्लैण्ड के भले की ही इच्छा करनी चाहिए। फ़िलहाल जर्मनी-सम्बन्धी मेरी इच्छाओं का कोई सवाल नहीं है। लेकिन अपने वक्तव्य के कुछ शब्दों में मैंने यह बात कही है कि विध्वस्त जर्मनी की राख पर मैं अपने देश की आजादी का महल खड़ा नहीं करना चाहता। जर्मनी के पुराने स्मारकों के सर्वनाश की सम्भावना से भी शायद में उतना ही विचलित हो जाऊँ। लेकिन हेर हिटलर को मेरी सहानुभूति की कोई ज़रूरत नहीं है। वर्तमान गुण-दोषों को देखने के लिए इंग्लैण्ड के पिछले कुकृत्यों और जर्मनी के पिछले सुकृत्यों का उल्लेख अप्रासंगिक है। सही हो या ग़लत, इस बात का कोई खयाल न करते हुए कि इससे पहिले ऐसी ही हालतों में अन्य राष्ट्रों ने क्या किया, मैं इस निर्णय पर पहुँचा हूँ कि इस युद्ध की जिम्मेदारी हर हिटलर पर ही है। उनके दावे के बारे में में अपना कोई निर्णय नहीं देता।