पृष्ठ:Yuddh aur Ahimsa.pdf/२४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
१५
मेरी सहानुभूति का आधार

दावा नहीं करता कि मेरे निर्णय में कोई ग़लती नहीं हो सकती। मैं तो सिर्फ यही दावा करता हूँ कि इंग्लैण्ड और फ्रांस के प्रति मेरी जो सहानुभूति है वह युक्तियुक्त है। जिस आधार पर मेरी सहानुभूति है उसे जो लोग स्वीकार करते हैं उन्हें मैं अपना साथ देने के लिए आमंत्रित करता हूँ। यह दूसरी बात है कि उसका रूप क्या होना चाहिए? अकेला तो मैं केवल प्रार्थना ही कर सकता हूँ। वाइसराय से भी मैंने यही कहा है कि युद्ध में शरीक लोगों को सर्वनाश का जो मुक़ाबला करना पड़ रहा है उसके सामने मेरी सहानुभूति का कोई ठोस मूल्य नहीं है।

हरिजन सेवक: १६ सितम्बर, १९३९