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नाजीवाद का नग्न रूप


एक पुराने निकट के साथी हैं। आजकल के नाज़ी जर्मनी का इन पुस्तकों में एक जीता-जागता चित्र मिलता है और हर किसी को उसे पढ़ना चाहिए। हेर हिटलर का हेतु ही नैतिक मर्यादाओ का विध्वंस करना है और जर्मन नवयुवक वर्ग में से अधिकांश इसका शिकार बन चुके हैं।

‘हरिजन' में आपका “जर्मनी में यहूदी प्रश्न” शीर्षक लेख मैंने ख़ास दिलचस्पी से पढ़ा था, क्योंकि वहाँ मेरे बहुत-से यहूदी मित्र हैं। आपने उस लेख में कहा है कि युद्ध के लिए अगर कभी कोई वाजिब कारण हो सकता है, तो जर्मनी के खिलाफ युद्ध के लिए आज वह है। मगर उसी लेख में आपने यह भी लिखा है कि अगर आप् यहूदी होते, तो अहिंसा द्वारा नाजियों का दिल पिघलाने की कोशिश करते। अभी-अभी आपने ब्रिटेन को यह सलाह भी दी है कि शस्त्र से मुकाबला किये बिना वह अपने रमणीय द्वीप को हमला करनेवाले जर्मनों के हवाले कर दें और बाद में अहिंसा द्वारा विजेताओं को जीत लें। संसार के इतिहास में शायद ऐसा दूसरा कोई व्यक्ति न होगा कि जो अहिंसा के अमल के बारे में आपसे अधिक् जानता हो। इस बारे में आपके विचारों के प्रभाव ने न सिर्फ हिन्दुस्तान में बल्कि दुनिया में बाहर भी करोड़ों के दिलों में आपके प्रति पूज्य भाव और प्रेम पैदा कर दिया है। x x x मगर प्राजकल के नाज़ी जर्मनी में नवयुवक-वर्ग अपने दिलोदिमाक दोनों का व्यक्तित्व खो बैठा है, और इन्सान मिटकर वह मानों यंत्र बन