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भारत का संविधान/नवम् अनुसूची

विकिस्रोत से
भारत का संविधान
अनुवादक
राजेन्द्र प्रसाद

पृष्ठ १८८ से – १८९ तक

 

 

[]नवम् अनुसूची

[अनुच्छेद ३१ ख]

१. बिहार भूमि सुधार अधिनियम, १९५० (१९५० का बिहार अधिनियम ३०)।

२. मुम्बई आभोग और कृषिक भूमि अधिनियम, १९४८ (१९४८ का मुम्बई अधिनियम ६७)।

३. मुम्बई मालिकी धृति उत्सादन अधिनियम, १९४९ (१९४९ का मुम्बई अधिनियम ६१)।

४. मुम्बई तालुकदारी धृति उत्सादन अधिनियम, १९४९ (१९४९ का मुम्बई अधिनियम ६२)।

५. पंच महाल मेहवासी धृति उत्पादन अधिनियम, १९४९ (१९४९ का मुम्बई अधिनियम ६३)।

६. मुम्बई खोति उत्सादन अधिनियम, १९५० ( १९५० का मुम्बई अधिनियम ६)।

७. मुम्बई परगना और कुलकर्णी वतन उत्सादन अधिनियम, १९५० (१९५० का मुम्बई अधिनियम ६०)।

८. मध्य प्रदेश स्वामित्वाधिकारों (मालिकाना हकों) (इलाकों, महालों, दुमाला भूमियों) के अन्त करने का अधिनियम, १९५० (१९५१ का मध्य प्रदेश अधिनियम १)।

९. मद्रास सम्पदा (उत्सादन और रय्यतवाड़ी में संपरिवर्तन) अधिनियम, १९४८ (१९४८ का मद्राम अधिनियम २६)।

१०. मद्रास सम्पदा (उत्सादन और रय्यतवाड़ी में संपरिवर्तन) संशोधन अधिनियम, १९५० (१९५० का मद्रास अधिनियम १)।

११. उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्ण अधिनियम, १९५० (१९५१ का उत्तर प्रदेश अधिनियम १)।

१२. हैदराबाद (जागीरों का उत्सादन ) विनियम, १३५८ च (फसली १३५८ का नं० ६९)।

१३. हैदराबाद जागीर (लघुकरण) विनियम, १३५९ च (फसली १३५९ का नं० २५)[]

[]१४. बिहार विस्थापित व्यक्ति पुनर्वांम (भूमि का अर्जन) अधिनियम, १९५० (१९५० का बिहार अधिनियम ३८)।

१५. संयुक्त प्रान्त के शरणार्थियों को बसाने के लिये भूमि प्राप्त करने का ऐक्ट, १९४८ (१९४८ का संयुक्त प्रान्त ऐक्ट २६)।

१६. विस्थापित व्यक्तियों का पुनर्वास (भूमि अर्जन) अधिनियम, १९४८ (१९४८ का अधिनियम ६०)।

१७. बीमा (संशोधन) अधिनियम, १९५० (१९५० का अधिनियम ४७) की धारा ४२ द्वारा यथा अन्तःस्थापित, बीमा अधिनियम, १९३८ (१९३८ का अधिनियम ४) की ५२ क से लेकर ५२ छ तक की धाराएं।

१८. रेल समवाय (आपात उपबन्ध) अधिनियम, १९५१ (१९५१ का अधिनियम ५१)।

१९. उद्योग (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, १९५३ (१९५३ का अधिनियम २६) की धारा १३ द्वारा यथा अन्तःस्थापित, उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, १९५१ (१९५१ का अधिनियम ६५) का अध्याय ३ क।

२०. १९५१ का पश्चिमी बंगाल अधिनियम २९ द्वारा यथा संशोधित पश्चिमी बंगाल भूमि विकास और आयोजन अधिनियम, १९४८ (१९४८ का पश्चिमी बंगाल अधिनियम २१)।

  1. संविधान (प्रथम संशोधन) अधिनियम, १९५१, धारा १४ द्वारा जोड़ी गयी।
  2. जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू होने में निम्नलिखित प्रविष्टियां जोड़ दी जायेंगी अर्थात्:–
    "१४. जम्मू और कश्मीर वृहद् भू सम्पदा उत्सादन अधिनियम (२००७ का नं० १७)।
    १५. जम्मू और कश्मीर बन्धक सम्पति का प्रत्यावर्तन अधिनियम (२००६ का नं० १६)।
    १६. जम्मू और काश्मीर आभोग अधिनियम (१९८० का नं० २)।
    १७. जम्मू और काश्मीर आपद्ग्रस्त ऋृणी सहायता अधिनियम (२००६ का नं.१७)।
    १८. जम्मू और कश्मीर भूमि अन्य संक्रामण अधिनियम (१९९५ का नं ५)।
    १९. जागीरों और भू-राजस्व के अन्य समनुदेशिओं आदि के पुनगृहण के बारे में १९५१ का आदेश नं० ६ एच, ता १० मार्च १९५१।
    २०. जम्मू और कश्मीर राज्य कुठ अधिनियम (१९७८ का नं० १)”।
  3. संविधान (चतुर्थ संशोधन) अधिनियम, १९५५, धारा ५ द्वारा जोड़े गये।