विकिस्रोत:आज का पाठ/१२ दिसम्बर
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आधुनिक काल प्रकरण ३ (निबंध) रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास का एक अंश है जिसके दूसरे संस्करण का प्रकाशन काशी के नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा १९४१ ई॰ में किया गया।
"विश्वविद्यालयों के उच्च शिक्षा-क्रम के भीतर हिंदी-साहित्य का समावेश हो जाने के कारण उत्कृष्ट कोटि के निबंध की-ऐसे निबंधों की जिनकी असाधारण शैली या गहन विचारधारा पाठकों को मानसिक श्रम-साध्य नूतन उपलब्धि के रूप में जान पड़े-जितनी ही आवश्यकता है उतने ही कम वे हमारे सामने आ रहे हैं। निबंध की जो स्थिति हमें द्वितीय उत्थान में दिखाई पड़ी प्रायः वही स्थिति इस वर्त्तमान काल में भी बनी हुई है। अर्थ वैचित्र्य और भाषा शैली का नूतन विकास जैसा कहानियों के भीतर प्रकट हुआ है, वैसा निबंध के क्षेत्र में नहीं देखने में आ रहा है, जो उसका उपयुक्त स्थान है।..."(पूरा पढ़ें)