विकिस्रोत:आज का पाठ/१५ अप्रैल
कार्तिकप्रसाद खत्री रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास का एक अंश है जिसके दूसरे संस्करण का प्रकाशन काशी के नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा १९४१ ई॰ में किया गया।
"कार्तिकप्रसाद खत्री––(जन्म सं॰ १९०८, मृत्यु १९६१) ये आसाम, बँगाल आदि कई स्थानों में रहे। हिंदी का प्रेम इनमें इतना अधिक था, कि २० वर्ष की अवस्था में ही इन्होंने कलकत्ते से हिंदी की पत्र-पत्रिकाएँ निकालने का उद्योग किया था। इनका "रेल का विकट-खेल" नाम का एक नाटक १५ अप्रैल सन् १८७४ ई॰ की संख्या से 'हरिश्चंद्र मैगजीन' में छपने लगा था, पर पूरा न हुआ। 'इला', 'प्रमीला', 'जया', 'मधुमालती' इत्यादि अनेक बँगला उपन्यासों के इनके किए हुए अनुवाद काशी के 'भारत जीवन' प्रेस से निकले।"(पूरा पढ़ें)