विकिस्रोत:आज का पाठ/२० दिसम्बर

विकिस्रोत से

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

द्विवेदी-मंडल के बाहर के कवि रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास का एक अंश है जिसके दूसरे संस्करण का प्रकाशन काशी के नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा १९४१ ई॰ में किया गया।


"द्विवेदीजी के प्रभाव से हिंदी-काव्य ने जो स्वरूप प्राप्त किया उसके अतिरिक्त और अनेक रूपों में भी भिन्न भिन्न कवियों की काव्य-धारा चलती रही। कई एक बहुत अच्छे कवि अपने अपने ढंग पर सरस और प्रभावपूर्ण कविता करते रहे जिनमें मुख्य राय देवीप्रसाद 'पूर्ण', पं॰ नाथूराम शंकर शर्मा, पं॰ गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही', पं॰ सत्यनारायण कविरत्न लाला भगवानदीन, पं॰ रामनरेश त्रिपाठी, पं॰ रूपनारायण पांडेय हैं।
इन कवियों में से अधिकाश तो दो-रंगी कवि थे जो ब्रजभाषा में तो शृंगार वीर, भक्ति आदि की पुरानी परिपाटी की कविता कवित्त-सवैयों या गेय पदों में करते आते थे और खड़ी बोली में नूतन विषयों को लेकर चलते थे।..."(पूरा पढ़ें)