विकिस्रोत:आज का पाठ/५ नवम्बर
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गुमान मिश्र रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास का एक अंश है जिसके दूसरे संस्करण का प्रकाशन काशी के नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा १९४१ ई॰ में किया गया।
"(२२) गुमान मिश्र-ये महोबे के रहनेवाले गोपालमणि के पुत्र थे । इनके तीन भाई और थे। दीपसाहि, खुमान और अमान । गुमान ने पिहानी के राजा अकबरअली-खां के आश्रय में संवत् १८०० मे श्रीहर्षकृत नैषध काव्य का पद्यानुवाद नाना छंदों में किया । यही ग्रंथ इनका प्रसिद्ध है और प्रकाशित भी हो चुकी है। इसके अतिरिक्त खोज से इनके दो ग्रंथ और मिले हैं-कृष्णचंद्रिका और छंदाटवी ( पिंगल )। कृष्णचंद्रिका का निर्माण-काल संवत् १८३८ है।..."(पूरा पढ़ें)