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विकिस्रोत:गुणवत्ता संवर्द्धन संपादनोत्सव/जुलाई 2023/रपट

विकिस्रोत से

विकिस्रोत:गुणवत्ता संवर्द्धन संपादनोत्सव/जुलाई 2023 (21 जुलाई से 30 जुलाई 2023) के आयोजक, निर्णायक एवं प्रतिभागी इस पृष्ठ पर अपने अनुभव तथा सीख को साझा कर सकते हैं। कृपया 50 से 500 शब्दों में अपने अनुभव एवं सीख को साझा करें। इसके लिए अपने सदस्य नाम का अनुभाग बनाकर उसमें अपनी बात करें।

अनिरुद्ध कुमार

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इस संपादनोत्सव के आयोजन और मूल्यांकन का अनुभव बहुत कुछ सिखाने वाला रहा। चुनौतियाँ आईं और उपलब्धियाँ भी जिसने कई बातें सिखाईं—

  1. यह एक मुश्किल संपादनोत्सव था जिसमें प्रतिभागियों को कठिन कार्य दिया गया था।
  2. इस संपादनोत्सव में छः कठिन स्वरूप वाली पुस्तकों के एक हजार से भी अधिक पृष्ठ दस दिनों में सुधारे गए।
  3. सामान्य स्थिति में ये पुस्तकें एक वर्ष में भी शायद ही सुधर पातीं।
  4. विकिस्रोत पर सामान्य शोधन संपादनोत्सव के साथ ही दो बार गुणवत्ता संवर्द्धन संपादनोत्सव के आयोजन भी किए जाते रहने चाहिए।
  5. पुरस्कार एवं प्रतिभागिता दोनों दृष्टियों से यह स्त्री प्रधान संपादनोत्सव रहा। इस अर्थ में हिंदी विकिस्रोत लैंगिक खाई को पाटने में शुरु से अभी तक निरंतर सफल रहा है।
  6. संपादनोत्सव समाप्ति के दो सप्ताह के भीतर ही निर्णय तथा पुरस्कार वितरण रपट लेखन आदि कार्य पूरे हो गए।
  7. अन्य संपादनोत्सव के आयोजन में भी ऐसी ही समय-सीमा का पालन किया जाना चाहिए।

अनिरुद्ध कुमार (वार्ता) १५:५०, ११ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]

अजीत कुमार तिवारी

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निर्णायक के तौर पर कुछ अनुभव और अवलोकन निम्नलिखित हैं—

  1. किसी भी संपादनोत्सव में सामान्य शोधित अंकों के साथ गुणवत्ता के अंक ज़रूर रखे जाने चाहिए ताकि समान अंक होने पर भी गुणवत्ता के आधार पर वरीयता तय की जा सके। पृष्ठों की संख्या भी उतनी ही रखी जानी चाहिए जितनी की गुणवत्ता बनाने रखने के लिए व्यावहारिक रूप से संभव हो। प्रारूपण (formatting) की ग़लतियों को भले स्वीकार कर लिया जाय किंतु वर्तनी की ग़लतियाँ किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागियों से दोनों ही ग़लतियों की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
  2. प्रतियोगिता के नियम और पुरस्कार पहले से निश्चित होने चाहिए। प्रतियोगिता के दौरान या परिणाम आने के बाद उसमें किसी भी तरह का बदलाव या तो नहीं होना चाहिए या आरंभ में ही टिप्पणी कर दी जाय कि इसमें सकारात्मक बदलाव किए जा सकते हैं।
  3. यह देखने में आया है कि संपादनोत्सव के दौरान या परिणाम आने के बाद नियम या पुरस्कार के स्वरूप में सदिच्छा से किए गए बदलाव भी प्रतियोगियों में परस्पर मतभेद का कारण बन सकते हैं/ बन रहे हैं जो सामुदायिक परिवेश के लिए ठीक नहीं। प्रतिभागियों के आपसी मतभेद उचित संवाद के साथ सुलझाए जाने चाहिए। आरोप-प्रत्यारोप (ऑन-विकि/ऑफ़ विकि) करने वाले प्रतिभागियों पर तीन चेतावनियों के बाद कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
  4. किसी भी संपादनोत्सव में परिणाम घोषित करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय मिलना चाहिए जिससे कि प्रतियोगियों की गुणवत्ता की समुचित जाँच की जा सके।
  5. हिंदी विकिमीडियन्स यूज़र ग्रुप के सौजन्य से केवल गुणवत्ता संवर्द्धन संपादनोत्सव ही आयोजित किए जाने चाहिए। सामग्री संवर्द्धन के लिए अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाले अन्य संपादनोत्सवों में भी गुणवत्ता के अंक स्थानीय रूप से रखे जाने चाहिए ताकि ध्यान गुणवत्ता पर रहे न कि अधिक से अधिक पृष्ठ शोधित चिह्नित कर देने पर।
  6. अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाले संपादनोत्सव के पुरस्कार भी तय समय-सीमा के भीतर मिलें अन्यथा ऐसे संपादनोत्सवों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। कम से कम मैं ऐसे संपादनोत्सव का हिस्सा बनना पसंद नहीं करूँगा।

--अजीत कुमार तिवारी (वार्ता) ०२:१४, १२ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]

(ममता साव9)

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इस बार का संपादनोत्सव और अच्छा हो सकता था। ग्रुप के साथ एक पुस्तक को पुरा करने में बहुत कुछ प्रारूप संबंधित जानकारी मिली।

  1. अब तक जितने भी संपादनोत्सव हुए हैं उनमें दिये गये योगदानों को नहीं भुलना चाहिए क्योंकि अभी जो अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं ये सब उन्हीं संपादनोत्सव हुई गलतियों की सीख है।

--ममता साव9 (वार्ता) ०४:५३, १२ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]

(अँजली चौधरी)

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विकिस्रोत:गुणवत्ता संवर्द्धन संपादनोत्सव बहुत अच्छा रहा। इस प्रतियोगिता के जरिए मुझे वर्तनी और प्रारूप से संबंधित जानकारी भी प्राप्त हुई।--अँजली चौधरी (वार्ता) ०२:१२, २१ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]

Vineet Kumar Tiwari 29

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  1. यह मेरा पहला मुश्किल, चुनौतीपूर्ण और उत्साह से भरा हुआ विकिस्रोत गुणवत्ता संवर्द्धन संपादनोत्सव था, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपना अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। मैं बहुत खुश हूँ कि मेरे पहले ही संपादनोत्सव में मुझे पुरस्कार मिला। इसके लिए मैं संपादनोत्सव के निर्णायक मंडल का आभार प्रकट करता हूँ।
  2. इस संपादनोत्सव से बहुत कुछ सीखने और कुछ नया करने को मिला जैसे कि नए-नए साँचे लगाना और फॉर्मेटिंग करना इत्यादि।
  3. आशा है कि भविष्य में भी इसी प्रकार के संपादनोत्सव होते रहेंगे, जिससे हम सभी प्रतिभागियों को और भी कुछ नया सीखने और पढ़ने को मिलेगा।

--Vineet Kumar Tiwari 29 (वार्ता) ११:०६, २१ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]

सौरभ तिवारी 05

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  1. पिछले कुछ संपादनोत्सवों के मुकाबले में जुलाई 2023 संपादनोत्सव हिंदी विकिस्रोत के लिए बेहतर साबित हुआ क्योंकि इस संपादनोत्सव में पृष्ठ संख्या के बजाय पृष्ठ की गुणवत्ता को ध्यान में रखा गया था।
  2. आयोजक मंडल द्वारा कठिन पुस्तकों की सूची बनाना तथा प्रतिभागियों के लिए उन पुस्तकों के अलग-अलग खंड बनाना इस संपादनोत्सव की एक और अच्छी बात रही। इससे हिंदी विकिस्रोत में सहकार्य को बढ़ावा मिला।
  3. संपादन अवधि तथा सीमित शोधन कार्य बिल्कुल ठीक थे। भविष्य के संपादनोत्सव भी इसी आधार पर होने चाहिए।
  4. पिछले संपादनोत्सव (जिसके पुरस्कार प्रतिभागियों को अभी तक प्राप्त नहीं हुए है) के बजाय इस संपादनोत्सव के परिणाम की घोषणा तथा चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कार तय समय सीमा के भीतर प्रदान किया गया।
  5. हिंदी विकिमीडियन्स यूज़र ग्रुप को भविष्य में होने वाले संपादनोत्सवों से पहले ऑनलाइन/ऑफलाइन कार्यशालाओं का आयोजन कराना चाहिए जिससे प्रतिभागियों को साँचों के इस्तेमाल तथा शोधन कार्य में आने वाली अन्य समस्याओं का समाधान किया जा सके।

सौरभ तिवारी 05 (वार्ता) १३:४१, २१ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]

(अमृता कुमारी पाण्डेय)

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१. इस संपादनोत्सव का निर्णय जल्दी होने तथा प्रतियोगिता बहुत अच्छी तरह पुर्ण हो जाने के लिए निर्णायक मंडल तथा सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद।

२. किसी भी संपादनोत्सव में गुणवत्ता के अंक भी दिये जाने चाहिए। जिससे समान अंक होने पर निर्णायक मंडल को निर्णय लेने में सहायता हो तथा प्रतिभागियों को भी अपनी गुणवत्ता का अनुमान हो सके जिससे वह अपनी गुणवत्ता और सुधार सकें।

३. प्रतियोगिता में समान पुस्तक तथा समान अंक हो ताकि पुस्तक चुनाव के समय किसी भी प्रतिभागी को कोई समस्या न आये।

४. प्रतियोगिता में जो भी पुस्तकें दी जायें। उन पुस्तकों के एक या दो पृष्ठ को आयोजकों द्वारा सही साँचों तथा प्रारुपों के साथ प्रतियोगिता के आरम्भ में शोधित कर दिया जाना चाहिए। इससे कार्य करने में सहायता होगी तथा अधिक लोग भाग ले पायेंगे। -अमृता कुमारी पाण्डेय (वार्ता) १४:२९, २१ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]

(Manisha yadav12)

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१. यह एक सफल संपादनोत्सव था जो पहले संपादनोत्सव के तुलना में सर्वश्रेष्ठ था तथा ऐसे संपादनोत्सव साल में दो बार होने ही चाहिए तथा इसमें देखा गया कि प्रतिभागियों के बीच कोई भी प्रतिस्पर्धा न देखने को मिला जैसे पिछले संपादनोत्सव में देखने को मिलता था कि जिसमें प्रतिभागी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा नहीं करते थे जो हानिकारक भी सिद्ध हुई है। जब संपादनोत्सव आयोजित किया जाता है जिसकी समयाविधि पाक्षिक ही रखी जाय उससे अधिक न हो तथा पृष्ठ संख्या भी निर्धारित हो तथा एक दिन में साधारण मनुष्य के करने योग्य हो जो इस संपादनोत्सव में देखने को मिला। संपादनोत्सव के पहले एक आनलाइन विकिमिट रखा जाय तथा जिस पुस्तक को चयनित किया गया है उसकी संपूर्ण जानकारी मिल जाय जिससे यह और भी अधिक सफल तथा कारगार साबित होगी।-मनिषा यादव (वार्ता) १७:२२, २१ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]

(शिखर तिवारी)

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  1. इस संपादनोत्सव में कम समय के अंदर अच्छा परिणाम देखने को मिला है, किसी भी कठिन पुस्तक को पूरा करने के लिए एक समूह में विभाजित कर उसको पूरा करने का ये अच्छा पहल था, उम्मीद है आगे भी ऐसे संपादनोत्सव में हिस्सा बनने का अवसर प्राप्त होगा।
  2. अभी तक के सभी संपादनोत्सव में से सबसे अच्छा संपादनोत्सव इसे माना जा सकता है, चाहे वह गुणवत्ता की बात की जाए या फिर पुरस्कार की।
  3. (क) गुणवत्ता संवर्द्धन पर विशेष ध्यान दिया गया। (ख) समय सीमा के अंदर पुरस्कार का वितरण भी किया गया।
  4. कुछ संपादनोत्सव ऐसे भी देखने को मिलते हैं जिसमें किसी भी चीज का समय सीमा निर्धारण नहीं होता परिणाम आने के महीनों बाद भी प्रतिभगियों को उनके पुरस्कार प्राप्त नहीं होते हैं, यह एक विचारणीय संदर्भ है जिसपर निर्णायक मंडल को विशेष ध्यान देना चाहिए। ताकि समय की नियमितता बनी रहे।
  5. ऐसे संपादनोत्सव कराने से पहले लोगों (प्रतिभागियों) को साँचे एवं कोड का जानकारी आवश्यक है, जिससे संपादनोत्सव में और भी बेहतर परिणाम देखने को मिले।

शिखर तिवारी (वार्ता) ०७:२०, २६ अगस्त २०२३ (UTC)[उत्तर दें]