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  • ) थे । इनका आरम्भिक जीवन वृन्दावन मधुरा में व्यतीत हुआ था । कवि नवनीत चतुर्वेदी के अनुसार जब ग्वाल केवल आठ वर्ष के थे तभी इनके पिता की मृत्यु हो गयी थी...
    ३०३ B (६,७०५ शब्द) - २०:५०, २२ अप्रैल २०२१
  • भाव-विलास देव, संपादक लक्ष्मीनिधि चतुर्वेदी 164040भाव-विलासदेव   ​  हाव दोहा नारिन के संभोग ते, होत बिबिध बिधि भाव। तिनमें भरतादिक सुकवि, बरनत है दस हाव॥...
    ३४४ B (३,७४७ शब्द) - ०४:३०, २२ सितम्बर २०२२
  • भाव-विलास देव, संपादक लक्ष्मीनिधि चतुर्वेदी 164037भाव-विलासदेव   ​ आंतर सञ्चारी भाव दोहा सात्विक होत शरीर ते, ताही तें सारीर। अन्तर उपजै आंतरिक, ते तेंतिस...
    ४०४ B (५,०१९ शब्द) - ०४:२९, २२ सितम्बर २०२२