वैदेही वनवास
पठन सेटिंग्स
वैदेही-वनवास
(करुणरस प्रधान महाकाव्य)
लेखक
साहित्यवाचस्पति, साहित्यरत्न, कविसम्राट
पण्डित अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
प्रकाशक
हिन्दी - साहित्य - कुटीर
बनारस
प्रथम संस्करण } वसंत पञ्चमी, १९९६ वि० { मूल्य २१)
'आगरा में हमारी पुस्तकों के मिलने का पता-
साहित्य - रत्न- भंडार
५३ ए, सिविल लाइन्स, आगरा
समर्पण
महर्षिकल्प, महामना, परमपूज्य कुलपति
श्रीमान् पंडित मदनमोहन मालवीय
पवित्र करकमलों में सादर
समर्पित
प्रकाशक
हिन्दी-साहित्य - कुटीर
बनारस
मुद्रक
ना० रा. सोमण
श्रीलक्ष्मीनारायण प्रेम, काशी
के
विषय-सूची
सर्ग | विषय | पृष्ठ |
प्रथम सर्ग | उपवन | १-१७ |
द्वितीय सर्ग | चिन्तित चित्त | १८-३१ |
तृतीय सर्ग | मंत्रणा गृह | ३२-५५ |
चतुर्थ सर्ग | वशिष्ठाश्रम | ५३-६६ |
पंचम सर्ग | सती सीता | ६७-७८ |
षष्ठ सर्ग | कातरोक्ति | ७९-९७ |
सप्तम सर्ग | मंगल यात्रा | ९८-११३ |
अष्टम सर्ग | आश्रम प्रवेश | ११४-१२६ |
नवम सर्ग | अवध धाम | १२७-१४३ |
दशम सर्ग | तपस्विनी आश्रम | १४४-१५९ |
एकादश सर्ग | रिपुसूदनागमन | १६०-१७९ |
द्वादश सर्ग | नामकरण-संस्कार | १८०-१९४ |
त्रयोदश सर्ग | जीवन-यात्रा | १९५-२१४ |
चतुर्दश सर्ग | दाम्पत्य-दिव्यता | २१५-२४७ |
पंचदश सर्ग | सुतवती सीता | २४८-२६३ |
षोडश सर्ग | शुभ संवाद | २६४-२७६ |
सप्तदश सर्ग | जन-स्थान | २७७-२९४ |
अष्टादश सर्ग | स्वर्गारोहण | २९५-३०६ |
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