संगीत-परिचय भाग १/१६: राष्ट्रीय गीत

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संगीत-परिचय भाग १  (1950) 
द्वारा रामावतार 'वीर'
[ ५७ ]

पाठ १६

राष्ट्रीय गीत

जनगण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्रविड़ उत्कल बंगा।
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा-उच्छल जलधि तरंगा।
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे,
गावें तव जय गाथा !
जन गण मंगल दायक जय हे भारत भाग्य विधाता,
जय हे ! जय हे ! जय हे ! जय जय जय जय हे !
अहरह तव आह्वान-प्रचारित सुनि नव उदार वाणी।
हिन्दु-बौद्ध-सिख -जैन-पारसिक-मुसलमान क्रिस्तानी ।
पूरब-पच्छिम आसे तव सिहासन पासे,
प्रेमहार हिय गाथा!
जनगण ऐक्य विधायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
जय हे ! जय हे ! जय हे ! जय जय जय जय है ।
पतन अभ्युदय बन्धुर पंधा युग-युग धावित यात्री,
तुमि चिर-सारथि तव रथ चक्रे मुग्धरित पंथ दिनरात्री।
दारुण विप्लव मांझे , तव शंख ध्वनि बाजे,
संकट दुख, त्राता। [ ५८ ]
जनगण-पथ परिचायक जय हे, भारत भाग्य विधाता !
जय हे ! जय हे ! जय हे ! जय जय जय जय हे !
घोर तिमिर घन निविड़ निशीथे पीड़ित मूर्छित देशे।
जाग्रत छिल तव अविचल मंगल नतनयने अनिमेशे।
दुःस्वप्ने आतंके रक्षा करिले अंके।
स्नेहमयी तुम माता।
जनगण दु:खत्रायक जय हे, भारत भाग्य विधाता !
जय हे ! जय हे ! जय हे ! जय जय जय जय हे !
रात्रि प्रभातिल उदिल रविच्छवि पूर्व उदयगिरि भाले !
गाहे विहंगम पुण्य समीरण तव जोवन रस ढाले !
तव करुणारुण रागे, निद्रित भारत जागे ।
तव चरणे नत माथा !
जय जय जय हे जय राजेश्वर, भारत भाग्य विधाता !
जय हे ! जय हे ! जय हे ! जय जय जय जय हे । [ ५९ ]
ताल कहरवा


x
— — स रे
— — ज न

म — — —
हे — — —

— — स —
— — पं —

प ध म —
रा — ठा —

— — — —
— — — —

म — म —
गं — गा —

— — स रे
— — त व

— — ग म
— — त व

— — म —
— — गा —

— — सं नी
— — — जय

— — ध प
— — — जय

रे ग म —
जय हे — —


x
ग ग ग ग
गण मन

ग — ग ग
भा — र त

प — प प
जा — ब सि

म — म म
द्र —वि ड़

स रे ग ग
वि — न्ध्य हि

ग — ग ग
उ — च्छ ल

ग ग ग —
शु भ ना —

प प प —
शु भ आ —

ग — रे रे
वें — त व

सं — — —
हे — — —

ध — — —
हे — — —

ग — ग ग
भा — र त


x
ग ग ग —
मी — त न

रे — रे रे
ग त अ प

— प प प
सं — ग न

म म म म
उ त क ल

ग — ग रे
मा — च ल

ग ग रे रे
ज ल धि त

ग — रे ग
मे — जा —

म ग रे स
शि ष मां —
रे रे ͎नी रे
ज य गा —

— — नी ध
— — ज य

— — स स
— — ज य

रे — रे रे
भा ग्य वि —


x
ग ग रे ग
य क ज य

͎नी रे स —
धा — ता —

प — प प
रा त म

रे म ग —
बं — गा —

ग प प ध
य मु ना —

͎नी रे स —
रं — गा —

म — — —
गे — — —

ग — — —
गे — — —

स — — —
था — — —

नी — — —
हे — — —

रे रे ग ग
ज य ज य

͎नी रे स —
धा — ता —

[ ६० ]
राष्ट्रीय गीत

( वन्देमातरम् )

सुजलाम् सुफलाम् मलयज-शीतलाम्

शस्य श्यामलाम् मातरम् ।

शुभ्र ज्योत्सनाम् , पुलकितयामिनीम् ,

फुल्ल कुसमित द्रुम दल शोभिनीम् ।

सुहासिनीम् , सुमधुर-भाषिणीम् ,

सुखदाम् वरदाम् मातरम् ॥ वन्दे०

त्रिंशत्कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले ।

द्वित्रिंशत्कोटि भुजैधृत खर करवाले।

के बोले माँ तुमि अवले ।

बहु बल धारणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदल वारिणीम् मातरम् ।। वन्दे०

तुमि विद्या, तुमि धर्म,

तुमि हृदि, तुमि मर्म ।

त्वं हि प्राण: शरीरें।

बाहु मे तुमि माँ शक्ति ।

हृदये तुमि माँ भक्ति ।

तो मारई प्रतिमा गाडि ।
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। वन्दे० [ ६१ ]
त्वं ही दुर्गादश प्रहरण धारिणी ।
कमल कमला दल हारिणी ।
बाणी विद्या दायिनी ! नमामि त्वाम् ।
नमामि कमलाम् अमलाम् अतुलाम् ।
सुजलाम् सुफलाम् मातरम् ।।वन्दे०
श्यामलाम् सरलाम सुस्मिताम् भूपिताम ।
चरणीम भरणीम् मातरम् ॥ वन्दे०
स्थाई




ग म — रेग
र म — —

ग म पध प
म ल य ज

नी सं — —
म ला म —


प ध नी सं
— — दे —

ग म
वं दे


रे स — —
— — — —

ध नी नी ध
शी — त लाम्

— ͢नी ध प
— मा — त

प ध नी सं
— — दे —

स म म —
सु ज ला म्

— — — —
— — — —

ग म रे ग
र म् — —

— ͢नी ध प
— मा — त

ग प प —
सु फ ला म्

ध नी सं —
श स्य श्या —

रे स ग म
— — व न्दे

[ ६२ ]

अन्तरा


ग म प ध
शु भ्र ज्यो —

सं — नी सं
या — म नीम्

ग म ग रे
द्रु म द ल

म — — —
नी — म् —

गं रें गं —
सु ख दा —

म ग रे म
मा त र म्


प ͢नी ध —
ति स ना —

— — — —
— — — —

ग म प म
शो — भि नी

ग म प ध
सु म धु र

सं — — —
म — — —

— — ग म
— — व न्दे


ध — — —
म — — —

सं सं ͢नी ͢नी
फु ल्ल कु स

प — — —
म — — —

प ध ͢नी —
भा — षि णी

सं रें गं —
व र दा म्


प ध नी सं
पु ल कि त

ध प — —
मि त — —

स म — —
सु हा — सि

ध — — —
म — — —

— — — —
— — — —




झण्डा गायन
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा ।।
सदा शक्ति बरसाने वाला।
प्रेम सुधा सरसाने वाला ।।
वीरों को हर्षाने वाला।
मातृ-भूमि का तन मन सारा ।।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा ।। [ ६३ ]
स्वतन्त्रता के भीषण रण में।
लख कर जोश बढ़े क्षण क्षण में ।।
काँपे शत्र देख कर मन में।
मिट जाये भय संकट सारा ।।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा ।। २


इस झण्डे के नीचे निर्भय,
लिये स्वराज्य हम अविचल निश्चय ।।
बोलो भारत माता की जय,
स्वतन्त्रता हो ध्येय हमारा ।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा ॥ ३


आओ प्यारे वीरो आओ,
देश धर्म पर बलि-बलि जाओ।
एक साथ सब मिल कर गावो,
प्यारा भारत देश हमारा ।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा ॥ ४


इसकी शान न जाने पावे,
चाहे जान भले ही जावे।
विश्व विजय हम कर दिखलायें,
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा ।
झण्डा ऊंचा रहे हमारा ॥ ५
विजयी विश्व निरहर प्यारा । [ ६४ ]
ताल कहरवा
स्थाई


x
͢ध — स स
झं — डा —

सं — सं सं
वि — जै वि

ध. — स स
झं — डा —


x
रे ग म प
ऊं — चा —

सं ͢नी ध प
श्व — ति —

रे ग म प
ऊं — चा —


x
ग म ग रे
र हे — ह

प ध प म
रं — गा —

ग म ग रे
र हे — ह


x
स — स स
मा — रा —

ग — रे —
प्या — रा —

स — स स
मा — रा —

अन्तरा


x
रे म — म
स दा — श

सं — सं सं
प्रे — म सु

रें — रें —
वी — रों —

सं — सं ͢नी
मा — तृ भू

ध. — स स
झं — डा —


x
म म म म
क्ति — ब र

नी ध प म
धा — स र

सं रें ͢नी सं
को — ह र

— प ध —
— मि का —

रे ग म प
ऊं — चा —


x
रे म प ध
सा — ने —

प ध ͢नी सं
सा — ने —

प ͢नी प प
षा — ने —

प ध प म
त न म न

ग म ग रे
र हे — ह


x
म प प —
वा — ला —

नी ध प —
वा — ला —

प — सं —
वा — ला —

ग — रे —
सा — रा —

सा — सा —
मा — रा —