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कहीं आपका मतलब प्रथम कामना प्रसाद त्रिपाठी तो नहीं था?
  •  (1943)  द्वारा सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' स्वामी प्रेमानन्दजी महाराज 174570अणिमा — स्वामी प्रेमानन्दजी महाराज1943सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' [ ६८ ]   स्वामी...
    ४६३ B (२,५७७ शब्द) - १३:२८, २६ मई २०२३
  • पुलिनों पर वह मोती की मछली सुंदर। मैं लहरों के तट पर बैठा देखूँगा उनकी छवि जी भर॥ कहने का तात्पर्य यह कि पंतजी की स्वाभाविक रहस्य-भावना को 'प्रसाद' और 'महादेवी...
    ६९४ B (५,९३४ शब्द) - १७:३८, २७ जुलाई २०२३
  • गयाप्रसाद शुक्ल “सनेही ( ६ ) पं० किशोरीलाल गोस्वामी ( १९ ) पं० रामनरेश त्रिपाठी ( ७ ) श्रीमान् मिश्र-बंधु . ( २० ) श्रीमान् याज्ञिक-त्रय ( ८ ) पं० पद्मसिंह...
    २९३ B (२,९५० शब्द) - ०५:२३, ६ जुलाई २०२३
  • माध्यम से मेरे सहायक विवेचक श्री आर०आर० त्रिपाठी ने इसमें वर्णित दस्तावेज प्राप्त किये थे। श्री आर०आर० त्रिपाठी के हस्ताक्षरों की शिनाख्त करती हूँ, जिन्हें...
    २५८ B (७२,७९७ शब्द) - ०१:४२, १६ जून २०२३