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- वह कौण्डिन्य गोत्र था। शिलालेखों में उसने अपने को सोमवंशी बताया है। उसने ४३५ से ४९५ ईसवी तक राज्य किया। ६८० ईसवी तक वहाँ वर्म्मा-नामधारी सात नरेशों ने...९०८ B (२,००३ शब्द) - १६:१९, १७ जुलाई २०२३
- में चला गया। यह घटना ईसा के [ ७९ ] आठवें शतक के मध्य में हुई जान पड़ती है। चीन के ऐतिहासिक ग्रन्थों में लिखा है कि सुमात्रा में, ईसा के पाँचवें शतक में...९१६ B (३,७६३ शब्द) - १६:२०, १७ जुलाई २०२३
- जाने लगी। हिंदी को अदालतों से निकलने में मुसलमानों को सफलता [ ४३५ ]हो चुकी थी। अब वे इस प्रयत्न में लगे कि हिंदी को शिक्षा-क्रम में भी स्थान न मिले, उसकी...७१९ B (४,४२९ शब्द) - १७:३९, २७ जुलाई २०२३
- ४०५-४३५) यह रुद्दामा द्वितीयका पुत्र था। इसके चादीके सिक्के मिले है। इन पर इ० सं० २७० से २७३ तकफे और श० सं० २८६ में ३०० तक संवत् लिखे हुए हैं। परन्तु इस समयके...४८४ B (८,३२४ शब्द) - ००:०१, २६ अक्टूबर २०२०
- ब्याज से पलने- वालों की संख्या पर, ब्रिटिश के धन्धों के लिए भारत के उद्भिज [ ४३५ ]पदार्थों के महत्त्व पर, सरकारी या व्यापारी कार्य्य में लगे अँगरेज़ों की...६४३ B (६,७४७ शब्द) - १४:२१, २३ नवम्बर २०२०
- मर्यादा ( पत्रिका } १२६ . मल्लिका देवी या बैंगसरोजिनी ५०० मंगलघट ६१३ महात्मा ईसा ५५६ ,, मंगलप्रभात ५४२ महादे-गोरख-संवाद १८ पडोवर का वर्णन ४१३ महाभारत ४४६ :...३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३