पृष्ठ:अणिमा.djvu/७

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संख्या विषय पृष्ठांक
३७– भारत ही जीवन-धन ६७
३८– स्वामी प्रेमानन्दजी महाराज ६८
३९– नाम था प्रभात ज्ञान का साथी ९८
४०– मेरे घर के पच्छिम ओर रहती है ९९
४१– सड़क के किनारे दूकान है १००
४२– निशा का यह स्पर्श शीतल १०१
४३– तुम चले ही गये प्रियतम १०२
४४– चूँकि यहाँ दाना है १०३
४५– जलाशय के किनारे कुहरी थी १०४