पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१४२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१२२७
सिन्ध पर अंगरेज़ों का क़ब्जा़

सिन्ध पर अंगर का ताजा १२२७ बास्तव में इस प्रकार के मिथ्या कल न केवल नेपियर औौर उसके साथियाँ के आमानुषिक अत्याचारों को ही जायल क़रार नहीं देतेबल्कि सिन्ध के अमीरों और की के ज़मों के 1 वहां प्रजा ऊपर नमक का काम करते हैं। हम इनमें से केवल मुख्य मुख्य इलज़ामों की असत्यता को कुछ निस्पक्ष अंगरेज़ इतिहास लेनकों ! ही के शब्दों में दर्शाने का प्रयत्न करेंगे । सर अलेक्जेण्डर बन्र्स का भाई प्रसिद्ध डॉक्टर जेम्स बन्र्स, जो बहुत दिनों सिन्ध के अमीरों के साथ रह सिन्ध के चमीरों चुका था, लिखता है : का चरित्र "जब मैं हैदराबाद जा रहा था तो मार्ग भर में मीर नसीर वर्षों के सद्गुणों औौर उसकी कखिस्वशक्ति की प्रशंसा होती रही । मैंने अवसर पाकर मीर नसीर वर्षों से प्रार्थना की कि मुझे कृपा कर अपनी रची हुई कविताओं का संग्रह 'ीवाने जाफ़रदेने का आग्रह करें ।" मीर नसीर खाँ ‘जाफ़रके नाम से कविता किया करता था। इतिहास लेखक ईस्टबिक लिखता है कि अमीरों के कुल के म कंबल समस्त पुरुप ही, बल्कि प्रत्येक स्त्री भी फ़ारसी और नरबी लिखना पढ़ना जानती थी । अमीरों के मादक द्रव्यों के उपयोग के विषय में डॉक्टर बन्र्स, जो महान उनमें से एक एक के साथ रहा, लिखता है - आम तौर पर मुसलमान नरेशों की अपेक्षा सिन्ध के प्रमौर आरयाशी • Anies f Sin, by Dr. jame Burns, S: R. s.

  • DA' Z८rberror Wedn Egy , p. 68.