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भारत में अंगरेज़ी राज

१३२८। भारत में अंगरेज़ी राज इसी आदेश के अनुसार लड डलहौज़ी ने, सतारा के राजा के मरते हो, तमाम पिछुली सन्धियों का उलन | सतारा का करके, राजा के पुत्र न होने का बहाना लेकरऔर Tहरण गोद लेने की प्राचीन प्रथा को नाजायज़ कहे। कर, ज़बरदस्ती सतारा के राज पर कम्पनी का क़ब्ज़ा जमा लिया। गुदर के सत्रह वर्ष बाद सन् १८७४ ई० में सतारा की विधवा. रानी ने इस अन्याय के विरुद्ध महारानी विक्टोरिया के नाम एक प्रार्थना पत्र भेजा, किन्तु उसका परिणाम क्या हो सकता था ! नागपुर के अन्तिम राजा तीसरे राधोजी औसले की मृत्यु ११ दिसम्बर सन् १८५३ को हुई । इतिहास से पता नागपुर चहता है कि राघोजी समझदार और नेक नरेश का अन्तिम राजा था। उसका शासन प्रबन्ध अत्यन्त सराहनीय था । किन्तु लॉर्ड डलहौज़ी ने राजा की मृत्यु के बाद ही उसके चरित्र पर अनेक झूठे और सज्जाजनक इलज़ाम लगाने शुरू कर दिए । राघोजी के कोई पुत्र न था। विधवा महारानी ने विधिवत् यशवन्तराव नामक अपने एक नजदीकी रिश्ते- राजा का दत्तक दार को गोद ले लिया 1 यशवन्तराव ही ने पुत्र पुत्र की तरह परलोकवासी राजा का श्राद्ध किया। decided in my " day ot sextonship" I shall leave no stone unturned to bring about that result. "-Letter from Hobhouse to Lord Dalbousin, 240 December, 1847.