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१३३९
भारत में अंगरेज़ी राज

१३३९ भारत में अंगरेजी राज वही लेखक यह भी लिखता है कि नागपुर पर कब्जा जमाने से पहले राज के अनेक कर्मचारियों को अंगरेजों ने रिशवतें देकर अपनी ने ओर करने का प्रयत्न किया, किन्तु ‘इसमें आसानी से सफलता न मिल सकी। पेशवा सत्ता के दिनों में पेशवा का एक सुबेदार झाँसी के रा पर शासन किया करता था। धीरे धीरे काँसी की रियासत सूबेदार का पद पैतृक हो गया, किन्तु पेशवा का आधिपत्य झाँसी के राजा के ऊपर बराबर बना रहा । सन् १८१७ में कम्पनी ने झाँसी के राजा रामचन्द्रराव के साथ मित्रता की सन्धि की, जिसमें कम्पनी सरकार ने वादा किया कि झाँसी का समस्त राज “सदा के लिए” राजा रामचन्द्ररावउसके उत्तराधिकारियों और वंश के शासन में पैतृक रूप से रहने दिया जायगा ।”| २१ नवम्बर सन् १८५३ को झाँसी के राजा गद्दाधरराव का देहान्त हुआ । गद्दारराव की आयु मृत्यु के समय वहुत थोड़ी थी। मृत्यु के पहले उसने विधिवत् दामोदरराव नामक पक बालक को गोद ले लिया । दामोदरराब गझाधरराव के ही कुल का और गझाधरराव का अत्यन्त नजदीकी रिश्तेदार था । मेजर ईवन्स बेल लिखता है : ’x गोद लेने का संस्कार बिलकुल ठीक ठीक हिन्दू शाछ की . . They were not easily seduced . . . • " - Cactic sciet0, vol. 38, 1863, pp, 280-81.

  • Attchison's Ticatics, cterevised edition,