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भारत में अंगरेज़ी राज

१३७४ भारत में अंगरेजी राज बनाने की सन् १८४8 में पजाब पर कम्पनी का क़ब्ज़ा हुआ । उसके बाद पंजाब को एक आदर्श ईसाई प्रान्त बनाने के . पवाब को ईसाई लिए विशेष कोशिशें की गई । सर हेनरी लॉरेन्स, सर जॉन लॉरेन्स, सर रवटें मराष्ट कोशिश गूरीडॉनेरड मेकतिमॉड, करनल एडवर्ड्स इत्यादि पंजाब के प्रसिद्ध अंगरेज़ शस सब उसी रथ के थे । इन में से अनेक की राय यह थी कि पजाब में शिक्षा का सारा कार्य ईसाई पादरियों के हाथों में दे दिया जाय, सरकार की ओर से ईसाई, मदरसों को धन की पूरी सहायता दी जाय और अंगरेज़ सरकार अपने स्कूल बन्द कर दे । गबरनर जनरल लॉर्ड डलहौजी और कम्पनी के डाइरेक्टर भी इन लोगों के साथ सहमत थे । इनमें से कुछ की राय यह भी थी कि सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में इजील और ईसाई मत की शिक्षा दी जाया करेअंगरेज़ सरकार हिन्दू धर्म और इसलाम को किसी तरह की सहायता, उतेजना या स्वीकृति न , किसी सरकारी महकमें में किसी भी हिन्दू या मुसलमान त्योहार की छुट्टी न दी जाय, अपने न्यायालयों में अंगरेज़ सरकार हिन्दू या मुसलिम धर्मशाला और धार्मिक रिवाजों को कोई स्थान न दे, हिन्दुओं या मुसलमानों के धार्मिक कीर्तन y बन्द कर दिए जाएँ, इत्यादि 14 ज़ाहिर है कि भारत की विचित्र परिस्थिति में उस समय के

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कor tt Government of British India, by Sir Herber Edrwards.