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भारत में अंगरेज़ी राज

९४१८। भारत में अंगरेजी राज लिया । सूर्यास्त से पहले पहले मुरादाबाद के ऊपर भी हरा झण्डा 'लग । " बरेलो, शाहजहाँपुर और मुरादाबाद के अतिरिक्त रुहेलखण्ड में एक और बड़ा शहर बदा है । पहली जून बत्रार्थ की को शाम को बदायूं में क्रान्ति प्रारम्भ हुई। स्वाधीनता सिपाहियों, मुख्य मुख्य नगर निवासियों और पुलिस ने मिल कर ढिंढोरा पिटवा दिया कि अंगरेजी राज का प्रन्त हो गया और सूबेदार खानबहादुर ख़ाँ का शासन शुरू 'हो गया। बदायूं के अंगरेज़ जंगलों में भाग गए। उनमें से अनेक वड़े कष्टों के साथ जंगल में मरे । इस प्रकार समस्त रुहेलखण्ड दो दिन के अन्दर कम्पनी के शासन से निकल गया । ख़ानबहादुर खाँ ने एक नई फ़ौज बना कर सारे रुहेलखण्ड में शान्ति और सुशासन स्थापित किया। अधिकांश महकमों के हिन्दोस्तानी मुलाजिम पूर्ववत् बहाल रखे गएऔर लगन दिल्ली के सम्राट के नाम पर वसूल किया जाने लगा 1 ख़ानबहादुर खाँ ने अपने हाथ से रुहेत खण्ड को स्वाधीनता का सब हल लिख कर सम्राट को भेजा। एक पतन लिख कर उसने तमाम रुहेलखण्ड में बँटवाया, जिसके मुख्य वाक्य ये थे। लाम बहादुर लाँ ‘हिन्दोस्तान के रहने वालो ! स्वर राज्य का पाक का ऐलान । दिन, जिसका बहुत अरसे से इन्तज़ार था, ना पहुँचा है ! आप लोग इसे मंजूर करेंगे या इससे इनकार करेंगे ? आप इस ज़बरदस्त मौके से फ़ायदा उठाएंगे या इसे हाथ से जाने देंगे ? हिन्दू और मुसलमान