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भारत में अंगरेज़ी राज

१४६० भारत में अंगरेजी राज सुना दिया गया, और फाँसी की तारीख़ तक के लिए फ़ैज़ाबाद जेल में बन्द कर दिया गया। मौलवी अहमदशाह की गिरफ्तारी ने फैजाबाद के इलाके भर म आग लगा दी 1 फ़ैज़ाबाद के शहर में उस फ़ैज़ाबाद की का समय दो पैदल पलटन, कुछ सवार और कुछ स्वाधीनता तोपख़ान था1 तुरन्त ज़ावाद के सिपाहियों और जनता ने मिल कर आज़ादी का झण्डा खड़ा कर दिया। परेड के ऊपर देशी सिपाहियों ने अपने अंगरेज़ अफ़सरों से साफ़ कह दिया कि इस समय के बाद हम केवल अपने हिन्दोस्तानी अफ़सरों की आज्ञा मानेंगे । सूबेदार दलीपसिंह ने फ़ौरन आगे बढ़ कर तमाम अंगरेज़ अफ़सरों को कैद कर लिया। जेलड़ाने की दीवारें तोड़ दी गई । मौलवी अहमदशाह की चेड़ियाँ काट डाली गई। फ़ैज़ाबाद के समस्त सिपाहियों और जनता ने मौलवी अहमद शाह को अपना नेता चुना । मौलवी अहमद शाह ने फैजाबाद के सार अंगरेजों । को लिख भेजा कि आप सब लोग फ़ौरन् फैज़ाबाद छोड़ दीजिए । उसने सब अंगरेजों को किश्तियों में बैठा कर फैज़ाबाद से रवाना कर दिया। उन्हें मार्ग के लिए खाने पीने का सामान और कुछ सफ़र ख़र्च तक दे दिया गया। ) फैज़ाबाद शहर में शान्ति कायम कर दी गई । 8 जून को सुबह शहर और आस पास के इलाके में एलान कर दिया गया कि कम्पनी की हुकूमत ख़त्म हो गई और बाजिदअली शाह की हुकूमत फिर से कायम हो गई।