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भारत में अंगरेज़ी राज

१५३६ भारत में अंगरेज़ी रा हस्य कर घर से बिदकते और हिनहिनाते थे 1 लाशें पड़ी सड़ती थीं । उनके ससुने से हवा में बीमार करने वाली दुर्गन्ध फैल रही थी । % हसन निज़ामी लिखता है tके इस क़त्लेग्राम में पुरुष, स्त्री अथवा छोटे वड़े की कोई तमीज़ न की जाती थी। इनमें से अनेक लोगों को तरह तरह की यातनाएँ दे देकर मांरा गया । यातनाएँ दे देकर लेटिनेण्ट माजेण्डी ने अपनी आंखों देखी एक घटना बयान को है कि सिखों और गोरों ने मिल कर एक घायल मनुष्य के चेहरे को पहले अपनी संझीनों से बार बार बींधा और फिर धोमी आंख के ऊपर उसे ज़िन्दा भून दिया : "उसका मांस चटका, रूपों में काला होगया और जलते हुए मांस को भयहर दुर्गन्ध ने उपर उठ कर हवा को विपैला बना दिया ।'है टाइम्स पत्र के सम्वाददाता सर विलियम रसल ने लिखा है के : ‘मैंने इस शख़्स की जली हुई हड्डियों कई दिन याद मैदान में पड़ी हुई देखीं ।"

  • Fory-024 xcars in India, by Lord Roberts, as quoted by Hasan

izani in Delhi-ft:/arkan, p66, 67. +' , . . . the horrible smell of his burning hesh as it cracked and blackened in the fames, rising up and poisoning the air. "-Lieut, Majendia UP AHong the andics, p , 187. के y Diary is India is 24 Star 458259, vol. , . 301-2,