पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/५४८

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अवध और बिहार

अवध और बिहार १५७१ डगलस पर पडा। डगलस के साथ सात हज़ार सेना थी । "डगलस ने अमरसिंह को परास्त करने की कसम खाई । किन्तु जून, जुलाई, अगस्त और सितम्बर के महीने बीत गए, फिर भी अमरसिंह परास्त न हो सका। इस बीच विजयी अमरसिंह ने श्रा में प्रवेश किया औौरजगदीशपुर की रियासत पर अपना आधिपत्य जमाए रक्खा 1 जनरल डगलस ने कई बार हार खाकर यह एलान कर दिया कि जो मनुष्य किसी तरह भी अमरसिंह का सिर लाकर पेश करेगा, उसे बहुत बड़ा इनाम दिया जायगा, किन्तु इससे भी काम न चल सका । सात औोर से सात विशाल सेनाओं ने एक साथ जगदीशपुर पर हमला किया। १७ अक्तूबर को इन सेनाओं जगदीशपुर पर ने जगदीशपुर को चारों ओर से घेर लिया। सात भोर से अमरसिंह ने देख लिया कि इस विशाल सैन्यदल पर विजय प्राप्त कर सकना असम्भव है। यह तुरन्त अपने थोड़े से सिपाहियों सहित मार्ग चीरता हुथा अंगरेज़ सेना के वच। से निकल गया। जगदंशापुर पर फिर कम्पनी का कमज़ा हो गया, किन्तु अमरसिंटू हाथ में जा सका। कईएनी की सेना ने अमरसिंह का पीछा किया 1 १8 अक्तूबर को नीनदी नामक ग्राम में इस सेना ने अमरसिंह ननदी का संग्राम को घेर लिया । श्रमरसिंह के साथ केवल चार सां सिपाही थे । इन चार सो में से तीन सौ ने मौनदी के संग्राम में ड कर प्राण दिए । शेप सौ ने कम्पनी की सेना को एक बार