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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

साथ ही लम्बी समुद्री यात्रा स्वास्थ्यके लिए बहुत अच्छी है। कई लोग तो स्वास्थ्यके लिए महीनों समुद्री यात्रा करते रहते हैं। इन कारणोंसे समुद्री यात्रा करना ही ठीक माना जायेगा। खासकर जब उससे पैसेकी बचत भी हो। समुद्रकी राहसे लन्दन तक दूसरे दर्जेकी यात्राका भाड़ा ३७० रुपये है जब कि ब-रास्ता ब्रिडिसी भाड़ा ४०० रुपयोंसे भी ज्यादा है। जिन्हें समुद्री यात्राके कारण बहुत मितली आती हों, उन्हें इसी कारण यात्रा करने से डर नहीं जाना चाहिए। क्योंकि ब्रिडिसी पहुँचनेतक तेरह दिनमें मनुष्यको समुद्री यात्राकी आदत हो जाती है और मितली आना बन्द हो जाता है। मैं यही आशा करता हूँ कि ब्रिडिसीसे बादकी यात्रासे कोई इस कारण बचनेका प्रयत्न तो नहीं ही करेगा कि समुद्र में डूब मरनेका भय कम हो जायेगा। इंग्लैंड जानेके इच्छक किसी भी व्यक्तिके लिए ऐसा विचार शोभनीय नहीं है। याद रखें कि स्टीमरपर आपके अलावा और भी कई व्यक्ति होंगे। खतरा तो रेलयात्रामें भी है। सच तो यह है कि जिन्दगीमें हर स्थानपर खतरा है। अन्तर सिर्फ उसके कम-ज्यादा होने में है।

इसके बाद यह निर्णय करना बच रहता है कि किस कम्पनीके जहाजसे जायें। चुनावका क्षेत्र बहुत व्यापक है। सिटी, हाल, क्लैन आदि जहाज हैं। लेकिन सबसे अच्छे और लोकप्रिय पेनिन्सुलर ऐंड ओरिएंटल कम्पनीके जहाज है। सम्राज्ञीकी डाक आदि इन्हीमें भेजी जाती है। दूसरी कम्पनियाँ अपेक्षाकृत किराया कुछ कम लेती है और यदि कोई किसी उपर्युक्त कम्पनीके जहाजमें यात्राके लिए स्थान सुरक्षित कर-वाना चाहे तो वह मैनेजरसे मिलकर इसका प्रबन्ध कर सकता है। क्योंकि इन कम्पनियोंके किराये निश्चित नहीं है। फिर भी जहाँतक हो सके, पी० एंड ओ० के जहाजको ही पसन्द करना चाहिए। यात्राका टिकट बम्बईके मेसर्स किंग एंड कम्पनी या मेसर्स टामस कुक ऐंड सन्सकी मार्फत खरीदा जा सकता है। वे सदा सहायता करने और पूरी सूचना देनेके लिए तत्पर रहते हैं और वे कमीशन भी नहीं लेते।

पहले दर्जेका टिकट लें या दूसरे दर्जेका, यह बात तो बहुत-कुछ अपनी जेब पर निर्भर है। जहाँतक आरामका सवाल है, दोनोंमें ज्यादा अन्तर नहीं है। यह सच है कि पहले दर्जेमें ज्यादा अच्छा साथ और ज्यादा अच्छा खाना मिलता है, फिर भी दूसरे दर्जेमें खाना बुरा नहीं होता। और विशेषत: किसी शाकाहारीको तो पहले दर्जे के लिए पैसे खर्च नहीं करने चाहिए। अन्तर मुख्यतः भोजनमें ही होता है। और शाकाहारी तो मांस-मछली खाता नहीं है, इसलिए उसके लिए तो पहले दर्जेका टिकट लेना बेकार ही होगा। दूसरे दर्जेको समुद्री यात्रामें ३७० रु० लगते है जब कि पहले दर्जेमें ६८० रुपये लगते हैं। ब्रिडिसीके रास्तेसे दूसरे दर्जेकी यात्रा और दूसरे दर्जेका रेलका टिकट लेनेसे ४४५ रु० लगते हैं, रेलका पहले दर्जेका टिकट लेनेसे ५०० रुपये लगते हैं। रेलके पहले दर्जे के टिकट सहित पहले दर्जेका समुद्री किराया ८१० रुपये होता है। पहले दर्जेका यात्री जहाजमें ३३६ पौंडतक निजी सामान बिना किरायके ले जाती सकता है और दूसरे दर्जेका यात्री १६८ पौंड तकका सामान। जहाजपर भोजन आदिके बारेमें यहाँ कुछेक बातें बताना अनुपयुक्त न होगा। जिन्हें