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५६. पत्र: दादाभाई नौरोजीको

३२८, स्मिथ स्ट्रीट
डर्बन, नेटाल
२५ जनवरी, १८९५

सेवामें
श्री दादाभाई नौरोजी, संसद-सदस्य
लंदन

महोदय,

यद्यपि सरकार चुप है, अखबार जनताको बता रहे हैं कि सम्राज्ञीने मताधिकार विधेयकका निषेध कर दिया है। क्या आप इस विषय में हमें कोई जानकारी दे सकते हैं?

आपने प्रवासी भारतीयोंकी ओरसे जो कष्ट उठाया उसके लिए वे आपको और कांग्रेस कमेटीको जितना भी धन्यवाद दें, थोड़ा ही होगा।

आपका विश्वस्त सेवक,

मो° क° गांधी

[पुनश्च:]

मैं आपके देखनेके लिए साथके कागजात भेजनेकी धृष्टता कर रहा हूँ।

मो° क° गांधी

अंग्रेजी (एस° एन° २२५३) की फोटो- नकलसे।

 

५७. पुस्तकें बिकाऊ हैं

स्वर्गीय डाक्टर एना किंग्जफर्ड और श्री एडवर्ड मेटलैंडकृत निम्नलिखित पुस्तकें प्रकाशित मूल्यपर विकाऊ हैं। दक्षिण आफ्रिकामें ये पहली ही बार लाई गई हैं:

शि° पें°
परफेक्ट वे ७-६
क्लोद्ड विद द सन ७-६
स्टोरी ऑफ द न्यू गॉस्पेल ऑफ इंटरप्रिटेशन ३-६
बाइबिल्स ओन एकाउंट ऑफ इटसेल्फ १-०
न्यू गास्पेल ऑफ इंटरप्रिटेशन १-०

"पढ़ने से ऐसा मालूम होता है मानो देव या प्रधान देवदूतकी वाणी सुन रहे हों। साहित्य में इसके बराबरकी कोई दूसरी कृति मुझे ज्ञात नहीं है ('परफेक्ट वे')।" — स्वर्गीय सर एफ° एच° डॉयल।